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रांची: 19 आदिवासी बच्चों को मानव तस्करी से बचाया गया

रांची एयरपोर्ट से 19 नाबालिग आदिवासी बच्चों को बचाया गया है. 14 से 16 साल की उम्र के इन लड़कों की तस्करी कर उन्हें काम के लिए जम्मू ले जाया जा रहा था. यह सभी लड़के जम्मू जाने वाली एक उड़ान में सवार होने का इंतज़ार कर रहे थे.

रांची एयरपोर्ट पुलिस थाने के प्रभारी आनंद प्रकाश सिंह ने एक अखबार को बताया कि बच्चों की  तस्करी के आरोप में राजू गंजू नाम के एक आदमी को गिरफ्तार किया गया है. बचाए गए सभी लड़के लातेहार ज़िले के हैं.

इन लड़कों को अब बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है, जो संबंधित अधिकारियों के साथ बातचीत कर आगे की कार्रवाई करेगी.

एयरपोर्ट पर पुलिस को लड़कों के कपड़े, और उनकी बॉडी लैंग्वेज देखकर शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है. जब लड़कों से उनकी उम्र और दूसरी जानकारी के बारे में पूछताछ की गई, तो उन्होंने दावा किया कि वह सब वयस्क हैं. उन्हें साथ ले जाने वाला व्यक्ति भी सही-सही जानकारी नहीं दे सका.

झारखंड में आदिवासी बच्चों की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है. बच्चों को अक्सर दूसरे राज्यों में बेहतर नौकरी के अवसरों के वादे के साथ फुसलाकर ले जाया जाता है.

सिर्फ़ बच्चे ही नहीं, झारखंड से कई आदिवासी बेहतर काम का झांसा देकर दूसरे राज्यों में ले जाए जाते हैं.

हाल ही में ऐसे ही एक मामले में कई आदिवासी मज़दूर ठेकेदार द्वारा जम्मू में छोड़ दिए गए, और भूखे-प्यासे भटक रहे थे. राज्य सरकार की कोशिशें के बाद उन्हें झारखंड वापस ला गया था.

ताज़ा मामले में पुलिस ने कहा कि वह अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या राजू गंजू पहले भी तस्करी में शामिल रहा है या नहीं.

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