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भील पंचायत में 4 मौतें, पुलिस को नहीं दी गई ख़बर

मध्य प्रदेश के अलीराजपुर ज़िले के एक गाँव में पंचायत के दौरान हुए झगड़े में 4 लोग मारे गए हैं. इसके अलावा 6 लोगों को गंभीर चोट भी लगी हैं. ख़बरों के अनुसार यह झगड़ा भील आदिवासी समुदाय की एक पंचायत में हुआ था.

भील समुदाय में माधव नाम के लड़के और लीला नाम की लड़की के घर से भाग जाने से जुड़े मसले को सुलझाने के लिए यह पंचायत बुलाई गई थी. पंचायत में मौजूद लोगों का कहना है कि लड़के और लड़की के परिवार के बीच दोनों की शादी पर सहमति बन गई थी.

इस सहमति के अनुसार लड़के के परिवार ने वधू मूल्य को तौर पर डेढ़ लाख रूपये लड़की के परिवार को देना स्वीकार कर लिया था. लेकिन लड़की के परिवार का कहना था कि लड़की घर से भागते समय क़रीब एक किलो चाँदी भी ले कर गई थी.

चाँदी के मसले पर दोनों परिवारों के बीच झगड़ा हो गया और चार लोगों की मौत हो गई.

इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि उसे इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि भील आदिवासी आमतौर पर अपने समाज के मसलों में पुलिस के पास नहीं आते हैं. 

यह समुदाय अपने मसले आमतौर पर पंचायत में ही सुलझाता है. भील आदिवासी समुदाय में लड़का और लड़की को अपनी मर्ज़ी से शादी करने की अनुमति होती है. लेकिन अगर लड़का, लड़की के परिवार की सहमति के बिना उसे भगा ले जाता है तो फिर लड़के के परिवार को वधू मूल्य देना पड़ता है.

दोनों ही परिवारों की सहमति से होने वाली शादी में भी वधू मूल्य दिया जाता है. लेकिन यह वधू मूल्य बहुत अधिक नहीं होता है. 

भील समुदाय में लड़के के परिवार से लड़की का परिवार चाँदी के गहनों की माँग भी करता है. आमतौर पर लड़के के परिवार को यह माँग भी पूरी करनी पड़ती है. भील समुदाय में लड़का लड़की के घर से भाग जाने की घटनाएँ सामान्य मानी जाती हैं.

लेकिन समय के साथ यह घटनाएँ समाज में काफ़ी समस्याएँ पैदा करने लगी हैं. यह भी देखा गया है कि भील समुदाय में बहुत कम उम्र में ही लड़के लड़कियों की शादी कर दी जाती है. इसकी एक वजह बढ़ता वधू मूल्य भी है. लड़के के परिवार को डर रहता है कि अगर उनका लड़का किसी लड़की को ले आया तो फिर उन्हें उसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ती है. 

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