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56 आदिवासी युवाओं ने किया अर्धसैनिक बलों में भर्ती का रिटन टेस्ट पास

लगातार तीसरे साल, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम एजेंसी इलाके के अंदरूनी हिस्सों से लगभग 56 आदिवासी युवाओं ने सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों में भर्ती के लिए रिटन टेस्ट पास कर लिया है.

सभी सफल युवाओं को विशाखापत्तनम जिला पुलिस के ‘स्पूर्ति ‘ कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग दी गई थी.

मंगलवार को इन सफल युवाओं को संबोधित करते हुए, पुलिस अधीक्षक बी कृष्ण राव ने उनसे कहा कि वो अलग अलग सामुदायिक पुलिसिंग पहलों के माध्यम से प्रदान किए जा रहे प्रशिक्षण के सभी फायदे उठाएं.

रोजगार कौशल में अंतर को पाटने के लिए जिला पुलिस द्वारा लगभग तीन साल पहले ‘स्पूर्ति’ की शुरुआत की गई थी.

“आदिवासी युवाओं को पहले ऐसी भर्तियों के बारे में पता नहीं था. उनमें प्रतियोगी परीक्षाओं को पास करने के लिए आत्मविश्वास और बुनियादी कौशल की भी कमी थी. इस मुद्दे को सुलझाने के लिए, हमने यह कार्यक्रम शुरू किया,” श्री कृष्ण राव ने एक अखबार को बताया.

इस कार्यक्रम को शुरू करने और उसके जबरदस्त प्रचार के पीछे एक दूसरी बड़ी वजह थी कि इसके माध्यम से इन युवाओं को माओवादी पाले में शामिल होने से बचाया जा सके.

इस साल पुलिस को विशाखापत्तनम एजेंसी के 11 आदिवासी मंडलों के विभिन्न पुलिस थानों में करीब 3,800 आवेदन मिले.

“हमने लगभग 200 को चुना और उन्हें केन फाउंडेशन और श्रीधर अकादमी के सहयोग से विषयों और कंप्यूटर कौशल में ट्रेनिंग दी. 200 में से लगभग 56 ने टेस्ट पास किया है, और अब उन्हें हमारे अधिकारियों द्वारा फिजिकल टेस्ट के लिए ट्रेनिंग दी जाएगा,” एसपी ने कहा.

पिछले साल, पुलिस ने लगभग 600 युवाओं को प्रशिक्षित किया. इनमें से 100 से ज्यादा को चुना और भर्ती किया गया. पिछले तीन साल में करीब 200 आदिवासी युवाओं को अर्धसैनिक बलों की एक शाखा में नौकरी मिली है.

स्पूर्ति के तहत चुने गए युवाओं को युवा प्रशिक्षण केंद्रों में रखा जाता है और उन्हें मुफ्त कोचिंग और प्रशिक्षण के अलावा मुफ्त आवास और पौष्टिक भोजन भी दिया जाता है.

इसके अलावा युवाओं के कोश को बढ़ाने और बनाए रखने के लिए, वरिष्ठ अधिकारी इन केंद्रों का दौरा करते रहते हैं.

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