Mainbhibharat

चुनावी साल में आदिवासियों के लिए 500 करोड़ की योजना लेकर आई ओडिशा सरकार

1.5 लाख से अधिक आदिवासी परिवारों की आजीविका में सुधार लाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से ओडिशा सरकार 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक नई योजना- मुख्यमंत्री जनजाति जीविका मिशन लेकर आई है.

राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित यह योजना 2023-24 से 2025-26 तक 22 एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसियों (ITDAs) के माध्यम से ओडिशा में 118 आदिवासी उप-योजना ब्लॉकों में लागू की जाएगी. वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के लिए 120 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है.

लोकसभा और विधानसभा चुनावों से एक साल पहले लाए गए इस योजना को बीजद सरकार द्वारा आदिवासी समुदायों का समर्थन हासिल करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य की आबादी का 22 प्रतिशत से अधिक है.

ओडिशा सरकार द्वारा जारी एक कैबिनेट नोट में कहा गया है, “1.5 लाख से अधिक आदिवासी परिवारों को गुणवत्तापूर्ण निवेश तक समय पर पहुंच, आजीविका के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, बेहतर उत्पादन प्रैक्टिस की शुरूआत, ट्रेनिंग और क्षमता निर्माण सपोर्ट और सहायता प्रदान की जाएगी.”

योजना के माध्यम से राज्य एससी/एसटी विकास विभाग आदिवासी परिवारों को स्थायी आधार पर उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए घरेलू स्तर पर सुनियोजित कृषि-आधारित और गैर-कृषि आधारित आजीविका गतिविधियों में उद्यम करने में सक्षम बनाएगा.

ओडिशा एससी/एसटी विकास सचिव रूपा रोशन साहू ने कहा कि योजना के तहत आदिवासी किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, रोपण सामग्री और जैविक पौधों की संरक्षण सामग्री जैसे महत्वपूर्ण चीजें प्रदान किए जाएंगे.

साथ ही प्रत्येक लाभार्थी को बागवानी फसलों, सब्जियों और समान लागत वाली उच्च मूल्य वाली फसलों के लिए 0.5 एकड़ के लिए सहायता प्रदान की जाएगी. तिलहन, दलहन और मक्का जैसी फसलों के मामले में समर्थन इकाई एक एकड़ तक सीमित है. आदिवासियों को पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए भी सहयोग दिया जाएगा.

मौजूदा बाजारों को मजबूत करने, किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाने के लिए खेत/बाजार स्तर पर ग्रेडिंग/छंटाई इकाइयों को बढ़ावा देने के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी.

रोशन साहू ने कहा कि सरकार आदिवासी युवाओं और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को फसलों की उच्च उपज वाली किस्मों को अपनाने, खेती प्रणाली, मशीनीकरण और मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण के लिए प्रशिक्षित करेगी.

राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्रों में कृषि समूहों को सिंचाई सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक टैंकों, तालाबों और चेक बांधों के निर्माण के माध्यम से जल स्रोत उपलब्ध कराने के लिए उनका समर्थन करेगी. लोगों को तालाब, नलकूप और कुएं बनाने के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी.

साहू ने कहा, “कृषि उद्यमियों को सभी कृषि आधारित समूहों में बढ़ावा दिया जाएगा. यह योजना लगभग 150-200 किसानों के समूह के लिए बाजार लिंकेज, उच्च गुणवत्ता वाले इनपुट तक पहुंच और फसल को लेकर सलाह जैसी सेवाओं को एक साथ लाएगी.”

योजना के तहत खेती-किसानी और बागवानी क्लस्टर में प्राकृतिक या जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.

Exit mobile version