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तेलंगाना में एम्बुलेंस के इंतज़ार में आदिवासी महिला ने रास्ते में बच्चे को जन्म दिया

तेलंनगाना के निर्मल जिले में एम्बुलेंस देर होने की वजह आदिवासी महिला को बीच सड़क में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. इस आदिवासी महिला का नाम गंगामानी बताया जा रहा है.ये निर्मल जिले के तुलसीपत गांव की रहने वाली है. एम्बुलेंस देर होने की वज़ह से गंगामानी पैदल ही चलकर अस्पताल तक जाने की कोशिश कर रही थी. उसी बीच गंगामानी का दर्द बढ़ता चला गया और उन्हें बीच रास्तें में ही बच्चें को जन्म देना पड़ा. एम्बुलेंस की देरी वज़ह ख़राब सड़क बताई जा रही है.

यह बताया गया है कि बच्चे के जन्म के कई घंटो बाद एम्बुलेंस पहुंची थी. जिसके बाद आदिवासी महिला को एम्बुलेंस मे ही चिकित्सा सेवांए दी गई. अब दोनों मां और बच्चे को पेम्बी प्राथमिक स्वास्थ्य केयर केंद्र में भर्ती किया गया है.

तेलंगाना की नहीं है ये पहली कहानी
तेलंगाना की ये ऐसी पहली घटना नहीं है करीब 8 महीनें पहले भी तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में ऐसी ही एक खबर सामने आई थी. दरअसल बाढ़ की वज़ह से रास्तें खराब थे और एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाई. इसलिए आदिवासी लोगों ने गर्भवती महिला को डोली में उठाकर अस्पाताल ले जाने का फैसला किया.

तेलंगाना सरकार ने किए 424 एम्बुलेंस होने के दावे
तेलंगाना का सरकार का ये दावा है कि पूरे राज्य में 424 एम्बुलेंस मौजूद है. वहीं इनमें से 108 एम्बुलेंस दिन में कार्य करती है. इन एम्बुलेंस में सरकार ने करीब 600 करोड़ का खर्च किया है.

इसके अलावा सरकार ने असुरक्षित जनजातीय समूह के लिए स्वास्थ्य योजना शुरू की थी. इस योजना के तहत सरकार एम्बुलेंस और सभी स्वास्थ्य योजना को आदिवासियों को समय पर पहुंचाने का दावा किया था. ऐसे में सवाल उठता है कि आकड़े जामीनी स्तर पर कितने सक्षम है?

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