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ओडिशा: प्रशासन की मदद से बेहतर हो रही है आदिवासी महिला किसानों की ज़िंदगी

लेमनग्रास की खेती करने वाली आदिवासी औरतों की मदद करने के लिए कोरापुट प्रशासन ने नक्सल प्रभावित बंधुगांव और नारायणपटना ब्लॉक में आठ तेल एक्सट्रैक्शन यूनिट (Oil Extraction Unit) स्थापित की हैं.

इन यूनिट्स के चलते इन किसानों की फ़सल के बाद तेल निकालने के लिए निजी व्यापारियों और बिचौलियों पर निर्भरता ख़त्म हो जाएगी.

दोनों ब्लॉक्स की आदिवासी औरतें लगभग 3,000 हेक्टेयर में लेमनग्रास की खेती करती हैं, और प्रति हेक्टेयर 50 किलोग्राम तक तेल निकालती हैं. अब तक तेल एक्सट्रैक्शन यूनिट न होने की वजह से वो निजी व्यापारियों पर निर्भर थे, और उन्हें अपने बिक्री मूल्य पर समझौता करना पड़ता था.

कोरापुट प्रशासन ने बंधुगांव में छह और नारायणपटना ब्लॉक में दो यूनिट लगाई हैं. हर यूनिट की लागत 6.5 लाख रुपये है. जिला योजना और निगरानी यूनिट (District Planning and Monitoring Unit, DPMU), ओडिशा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओएआईसी) और इंटिग्रेटेड जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए) मिलकर इस प्रोजेक्ट को फ़ाइनैंस कर रहे हैं.

इस प्रोजेक्ट से 350 आदिवासी महिला किसानों को सीधी-सीधी मदद मिलेगी. इन यूनिट्स के लगने से इनका ट्रांसपोर्ट का खर्च, समय और मैहनत तीनों बचेंगे.

महिला किसानों ने एक अखबार को बताया कि पहले वो तेल निकलने के लिए अपनी उपज को लेकर दूर-दराज़ के इलाक़ों में जाती थीं. इससे उनका लाभ कम हो जाता था. अब इन यूनिट्स के लगने से उन्हें लागत के अलावा बिक्री के बारे में भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है.

साथ ही, कोरापुट के जनजातीय विकास सहकारी निगम (TDCC) ने इन समूहों द्वारा बनाया जाने वाले तेल की बिक्री भी शुरू कर दी है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनकी उपज के लिए मूल्य निर्धारण से समझौता न हो.

पिछले साल तक किसान लोमनग्रास तेल को 650 रुपये प्रति किलो के दाम पर बेच रहे थे, लेकिन इस साल टीडीसीसी के हस्तक्षेप से उन्हें इसका 1,350 रुपये प्रति किलो मिला है.

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