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हेमंत सोरेन के इस्तीफ़े के बाद झारखंड को मिला नया मुख्यमंत्री

झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन (Hemant Soren) के इस्तीफ़ा देने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) ने आज झारखंड के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन के सामने राज भवन में शपथ ली है.

गुरुवार देर रात को राज्यपाल ने चंपई सोरेन का इंतजार खत्म करते हुए सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.

झामुमो के गठबंधन सहयोगियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस के आलमगीर आलम और राष्ट्रीय जनता दल के सत्यानंद भोक्ता ने भी कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है. दोनों हेमंत सोरेन सरकार में भी मंत्री थे.

अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद चंपई ने आदिवासी प्रतीक बिरसा मुंडा, सिद्धो एंव कान्हो को पुष्पांजलि अर्पित किया.

चंपई सोरेन ने आलम और भोक्ता के साथ अपनी पहली कैबिनेट बैठक आयोजित करने के लिए सचिवालय की ओर प्रस्थान किया.

चंपई सोरेन ने कहा कि हेंमत सोरन ने आदिवासियों काफी विकास का काम किया है. उन्होंने कहा कि वह उनके द्वारा शुरू किए गए काम में तेजी लाएंगे और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वह समय पर काम पूरा करेंगे.

इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष राज्य में अस्थिरता पैदा करना चाहता था लेकिन गठबंधन की ताकत के कारण यह विफल हो गया.

उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन हमारी पार्टी के नेता हैं, उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई योजनाएं शुरू कीं और वह न्याय की अपनी लड़ाई में सफल होंगे.

इसके बाद चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि वह झामुमो के संरक्षक शिबू सोरेन के मार्गदर्शन में काम करेंगे और लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए बिरसा मुंडा, सिद्धो-कान्हो, चांद भैरव और तिलका मांझी जैसे महान आदिवासी शहीदों के आदर्शों को राज्य के निवासी पर लागू करने का प्रयास करेंगे.

वहीं झामुमो सांसद महुआ माझी ने कहा यह पार्टी के लिए बड़ी जीत है. बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए पूरी तरह तैयार थी लेकिन उस साजिश को नाकाम कर दिया गया. हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि सीएम हेमंत सोरेन जल्द वापस आएंगे. सोमवार को फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा.

महुआ माजी के साथ ही झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा की हम हमेशा केवल एक ही चीज की उम्मीद करते हैं की गरीबों में से सबसे गरीब की सेवा की जानी चाहिए, हमें उनकी बुनियादी जरूरतों, अच्छी सड़कें, अच्छा पीने का पानी, अच्छे स्कूल, अच्छी स्वास्थ्य सेवा और अच्छे घर को पूरा करने के लिए सब कुछ करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि अंततः पूरे राज्य में सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना होगा ताकि किसानों को लाभ मिले और लोगों को कमोडिटी मूल्य पर खाद्यान्न मिले.

कौन है चंपई सोरेन ?

चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां ज़िले के जिलिंगगोड़ा गांव के किसान सिमल सोरेन के सबसे बड़े बेटे हैं. उन्होंने अपनी 10वीं कक्षा तक की शिक्षा सरकारी स्कूल से प्राप्त की है.

उनकी कम उम्र में शादी होने साथ ही उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं.

चंपई सोरेन ने 90 के दशक के अंत में शिबू सोरेन के साथ झारखंड आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया. इसके बाद वह जल्द ही ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से प्रसिद्ध हुए.

उन्होंने 1991 में सरायकेला सीट पर उपचुनाव के माध्यम से एक स्वतंत्र विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.

फिर चार साल बाद उन्होंने झामुमो के टिकट पर सरायकेला सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और भाजपा को हराया.

इसके बाद साल 2000 के विधानसभा चुनाव में, वह उसी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अनंत राम टुडू से हार गए थे. फिर उन्होंने 2005 में भाजपा उम्मीदवार को केवल 880 वोटों के अंतर से हराकर यह सीट दोबारा हासिल की.

चपंई सोरेन ने साल 2009, 2014 और 2019 में भी चुनाव जीता.

इसके अलावा उन्होंने सितंबर 2010 से जनवरी 2013 के बीच अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में काम किया.

वहीं जब 2019 में हेमंत सोरेन ने राज्य में सरकार बनाई तब चंपई सोरेन खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं परिवहन विभाग के मंत्री बने.

नए मुख्यमंत्री नियुक्ति का कारण

पूर्व मुख्यमंत्री हेंमत सोरन के इस्तीफ़ा देने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) के द्वारा भूमि घोटाले के आरोप में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया गया है जिसके कारण राज्य में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति हुई है.

इसके अलावा हेंमत सोरेन का मामला सुपीम कोर्ट में जाने के बाद अब झारखंड के जनरल वकील राजीव रंजन ने बताया है कि ईडी ने 10 दिन की रिमांड की मांग की लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया.

उन्होंने ईडी को सिर्फ 5 दिन की रिमांड की इजाजत दी है. आदेश अभी अपलोड होना बाकी है और उनकी मुख्य चिंता हेमंत सोरेन की सुरक्षा है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामला फर्जी है और गिरफ्तारी अवैध है.

हालांकि सोरेन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कथित भूमि घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी रिट याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.

वहीं शीर्ष अदालत ने हेमंत सोरेन को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा है और कहा कि वह उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने की मांग करने के लिए स्वतंत्र हैं, जिसने मामले पर सुनवाई आज तक के लिए टाल दी थी क्योंकि उच्चतम न्यायालय को ऐसा करना था.

इसके अलावा वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष हेमंत के मामले का उल्लेख किया था, जो आज तत्काल सुनवाई के लिए सहमत हुए और इसके बाद रिट पिटीशन (writ petition) सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और बेला एम त्रिवेदी की एक विशेष बेंच का गठन किया गया.

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