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अरुणाचल प्रदेश: अब गैर-आदिवासी पुरुषों से पैदा हुए बच्चों के अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र रद्द होंगे

अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) सरकार गैर आदिवासी पुरुषों से विवाहित आदिवासी महिलाओं की संतानों को जारी सभी अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe certificates) प्रमाण पत्रों को रद्द करेगी. राज्य के एक मंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि अरुणाचल प्रदेश सरकार गैर-आदिवासियों से विवाहित आदिवासी महिलाओं की संतानों को पहले जारी किए गए सभी अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्रों को एक समिति द्वारा मामलों की जांच के बाद रद्द कर देगी.

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लोम्बो तायेंग (Lombo Tayeng) के एक सवाल के जवाब में, सामाजिक न्याय, अधिकारिता और जनजातीय मामलों (SJETA) के मंत्री अलो लिबांग (Alo Libang) ने कहा कि सरकार ने ‘अरुणाचल प्रदेश अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी करने के दिशा-निर्देश पिछले 1 अगस्त को अधिसूचित किए थे. जिसमें अपात्र व्यक्तियों को जारी किए गए एसटी प्रमाणपत्रों को रद्द करने, जब्त करने या रद्द करने का प्रावधान है.

अलो लिबांग ने कहा कि दिशानिर्देश के तहत अगर दस्तावेज जारी करने वाला प्राधिकार इस तथ्य से संतुष्ट होता है कि एसटी प्रमाण पत्र, व्यक्ति द्वारा गलत जानकारी देने या तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके प्राप्त किया गया है तो वह उसे जब्त या रद्द कर सकता है.

उन्होंने कहा कि अब तक अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र जारी करने के नौ विवादित मामले जांच समिति के समक्ष रखे गए हैं, जिनमें से पांच का निस्तारण कर दिया गया है और बाकी पर सुनवाई चल रही है. बाकी बचे चार में से एक मामला ऐसी आदिवासी महिला से संबंधित है, जिन्होंने गैर आदिवासी से शादी की थी.

मंत्री ने कहा, “बाकी बचे चार में से एक गैर-आदिवासी से विवाहित एक आदिवासी महिला की संतान के संबंध में कथित रूप से एसटी प्रमाण पत्र जारी करने से संबंधित है. इन मामलों की सुनवाई प्रक्रियाधीन है.”

संबंधित उपायुक्तों को इसके बाद अपनी टिप्पणी देने का निर्देश दिया गया है जिसके बाद समिति उचित निर्णय लेगी.

लोम्बो तायेंग द्वारा एसटी प्रमाणपत्रों को रद्द करने के लिए कट-ऑफ वर्ष तय करने के लिए एक सवाल के जवाब में, लिबांग ने विधायकों को आश्वासन दिया कि इस मामले पर सदन के सभी सदस्यों के साथ चर्चा की जाएगी.

दरअसल एसटी प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर पिछले कुछ समय से राज्य में विवाद चल रहा है और इस मुद्दे को लेकर ऑल अरुणाचल प्रदेश स्टूडेंट्स यूनियन (आपसू) सहित कई संगठन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इससे पहले 2018 में मेघालय खासी हिल स्वायत्त जिला परिषद, जो संविधान की छठी अनुसूची के अनुसार राज्य के खासी हिल में प्रशासन चलाती है, ने गैर खासी व्यक्ति से शादी करने वाली खासी महिलाओं के एसटी दर्जे और संबंधित संवैधानिक लाभों को छीनने वाला एक कानून पारित किया था.

2012 में त्रिपुरा में भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले सामने आए थे, जिसमें एक जांच में निकलकर आया था कि पूर्व विधायक पार्था दास ने फर्जी एसटी प्रमाण पत्र के जरिए 2008 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.

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