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असम: शांति समझौते के बाद 46 आत्मसमर्पण करने वाले आदिवासी उग्रवादियों ने हथियार डाल दिए

सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के चार महीने बाद ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA) के 46 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को असम के सोनितपुर जिले में आत्मसमर्पण करने के साथ अपने हथियार डाल दिए. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

एएएनएलए के पूर्व उग्रवादियों ने ढेकियाजुली में आयोजित एक समारोह में जिला पुलिस के शीर्ष अधिकारियों को हथियार सौंपे. इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (अपराध) और पुलिस उपाधीक्षक (सीमा) भी मौजूद रहे.

2006 में गठित AANLA, असम में बागान श्रमिकों की आदिवासी संस्कृति के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का दावा करती है. यह समूह असम के उन आठ आदिवासी उग्रवादी संगठनों में शामिल है, जिन्होंने 15 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की उपस्थिति में केंद्र सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि उग्रवादियों द्वारा जमा किए गए हथियारों में आठ पिस्तौल, छह राइफलें और गोला-बारूद शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘एएएनएलए के 46 से अधिक सदस्यों ने हथियार डाल दिए हैं. उनके ‘अध्यक्ष’ डी नायक, जो पहले ही आत्मसमर्पण कर चुके थे, भी इस अवसर पर मौजूद थे.’’

डी नायक ने कहा कि एएएनएलए के उग्रवादियों ने इस विश्वास के साथ आत्मसमर्पण किया और हथियार डाल दिए हैं क्योंकि सरकार चाय बागानों में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करेगी और पिछले साल हस्ताक्षरित शांति समझौते के अनुरूप उनका विकास सुनिश्चित करेगी.

उन्होंने कहा कि हम अपने अधिकारों के लिए सशस्त्र संघर्ष कर रहे थे. जनवरी 2012 में सरकार के साथ शांति वार्ता के दरवाजे खोल दिए गए थे.

नायक ने कहा, “हमारे सशस्त्र संघर्ष का उद्देश्य स्वदेशी लोगों के अधिकारों को पूरा करना है. हमने कई वर्षों की बातचीत के बाद शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. हम मुख्य धारा में लौटने का लक्ष्य बना रहे हैं और आज का हथियारों का समर्पण इसके करीब एक कदम है.”

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

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