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आदिवासी महिला से दुष्कर्म के दोषी ऑटो ड्राइवर को उम्रकैद

तेलंगाना के आदिलाबाद की एक विशेष एससी/एसटी अदालत ने 31 अगस्त 2024 को जैनूर, कुमरम भीम आसिफाबाद जिले में एक आदिवासी महिला से बलात्कार के दोषी ऑटो-रिक्शा चालक शेख मुकदूम को उम्रकैद की सजा सुनाई.

इसके साथ ही उस पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

यह घटना पिछले साल जैनूर में हुई थी, जिसने पूरे इलाके में तनाव और हिंसा को जन्म दिया था.

घटना के दिन, 45 वर्षीय गोंड समुदाय की एक महिला जैनूर से अपनी माँ के गाँव जा रही थी.

उसने शेख मुकदूम के ऑटो में सवारी की. उसने पुलिस को बताया कि मुकदूम ने सवारी देने के बहाने उसे अपने ऑटो में बिठाया और फिर उससे बलात्कार की कोशिश की.

जब महिला ने इसका विरोध किया, तो उसने लाठी से हमला कर उसे घायल कर दिया.

यह सोचकर कि वह मर चुकी है, उसने उसे सड़क किनारे छोड़ दिया ताकि यह हादसा लगे.

महिला को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, फिर हैदराबाद के गांधी अस्पताल में भर्ती किया गया.

1 सितंबर 2024 को महिला के भाई ने शिकायत दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की.

2 सितंबर को महिला ने होश में आने पर अपनी आपबीती सुनाई.

इसके आधार पर पुलिस ने एससी/एसटी एक्ट के तहत बलात्कार और हत्या की कोशिश के आरोप में मामला दर्ज किया.

जांच में पता चला कि मुकदूम ने जानबूझकर अपराध को छिपाने की कोशिश की थी.

इस घटना ने जैनूर में भारी तनाव पैदा किया.

गुस्साए लोगों ने दुकानों और घरों में आग लगा दी  थी. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा था.

इस हिंसा में 30 से अधिक आदिवासी लोगों पर मामले दर्ज किए गए.

घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचाई.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तेलंगाना सरकार की आलोचना की और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की.

यह सजा महिलाओं के खिलाफ अपराधों के प्रति समाज और कानून के सख्त रवैये को दर्शाती है.

यह संदेश देती है कि ऐसे जघन्य अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा

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