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आदिवासी कल्याण सरकार की प्राथमिकता: भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आदिवासियों के उत्थान और नक्सलियों के डर को दूर करना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में है. उन्होंने कहा कि आदिवासी कल्याण उनके लिए सर्वोपरि है क्योंकि बस्तर जैसे कुछ जिलों में आदिवासी आबादी 70 फीसदी से अधिक है और अधिकांश निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी संख्या लगभग 10 से 20 फीसदी है.

अज्ञानता के चलते आदिवासी संस्कृति मर रही है

भूपेश बघेल ने कहा कि अज्ञानता के चलते आदिवासी संस्कृति मर रही है और कोई इस बारे में कुछ नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार प्रकृति के साथ रहने वाले लोगों की संस्कृति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.

आदिवासी संस्कृति हमारी पहली संस्कृति है. यह एक प्राचीन संस्कृति है. उनकी संस्कृति मिटती जा रही है. ये लोग प्रकृति के पास रहते हैं और प्रकृति को अच्छी तरह से जानते हैं. वे प्रकृति के साथ रहते हैं और नृत्य करते हैं. इसे संरक्षित करने की जरूरत है और साथ ही हम यह भी चाहते हैं कि दुनिया उनकी संस्कृति और जीवन शैली के बारे में जाने.

बघेल ने कहा कि वह मध्य छत्तीसगढ़ से हैं और आदिवासी संस्कृति के बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा कि मैं उनके साथ रहा हूं और बचपन से ही मैं उन लोगों की संस्कृति और उनकी जीवन शैली को जानता हूं. बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि ये हमारे लोग हैं और राज्य में हमारे लिए महत्वपूर्ण है. नक्सलियों से समस्या के कारण ये लोग अपनी जड़ों से अलग हो गए हैं और हमें उनके डर को दूर करना होगा.

‘राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव’ और ‘राज्योत्सव 2021’ गुरुवार को रायपुर में शुरू हुआ था जिसमें 27 राज्यों, छह केंद्र शासित प्रदेशों और सात देशों-नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, युगांडा, स्वाजीलैंड, मालदीव, फिलिस्तीन और सीरिया के 1,000 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यक्रम एक शानदार सफलता थी और यह राज्य की आदिवासी संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाएगा.

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