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मध्य प्रदेश में महुआ से बनी शराब होगी वैध, आदिवासियों बेचने का अधिकार

मध्य प्रदेश में महुआ से बनी शराब को वैध करने वाली नई आबकारी नीति बनाई जा रही है. इस शराब को “Heritage Liquor” के रूप में बेचा जाएगा. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार नई आबकारी नीति बना रही है जिसमें आदिवासी समुदाय को महुआ से पारंपरिक शराब बनाने की अनुमति दी जाएगी. इस हेरिटेज शराब को बेचने का अधिकार भी आदिवासियों को दिया जाएगा. 

यह क़दम चुनाव से पहले मध्य प्रदेश सरकार की आदिवासियों तक पहुंचने की कोशिश का हिस्सा है. इसके अलावा भी मुख्यमंत्री चौहान ने आदिवासियों से कई वादे किए हैं.

इनमें से एक है आदिवासियों को सामुदायिक वनों के प्रबंधन का अधिकार. इसके तहत आदिवासियों द्वारा लगाए जा रहे जंगल की लकड़ी और फलों पर उनका ही अधिकार होगा. मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत उन्हें आवासीय भूमि अधिकार प्रदान किया जाएगा. 

आदिवासी महुआ से शराब भी बनाते हैं

इसके अलावा प्रदेश के 89 आदिवासी विकास खण्डों में “राशन आपके गांव” योजना की शुरुआत की गई है, जिसमें राशन का वितरण वाहनों के माध्यम से किया जाएगा. इसके लिए सरकार की गारंटी पर आदिवासी युवाओं को बैंकों से राशन वाहन खरीदने के लिए लोन मिल सकेगा. कुछ पैसा सरकार देगी. हर गाड़ी के लिए सरकार हर महीने 26,000 रुपया किराया देगी.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदिवासियों के खिलाफ दर्ज झूठे और छोटे-मोटे मुकदमे वापस लिए जाएंगे, और आदिवासी समुदायों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए फ्री में बालू दी जाएगी. 

आदिवासी समुदायों को अगले साल से तेंदूपत्ता बेचने का अधिकार देने पर भी विचार किया जा रहा है. यह कार्य वन समितियों के माध्यम से किया जाएग. 

निजी साहूकारों द्वारा 20 अगस्त, 2020 के बाद आदिवासी समुदाय के लोगों को ऊंची ब्याज दरों पर दिया गया कर्ज खत्म हो जाएगा. हर गांव में आदिवासी समुदाय के चार ग्रामीण इंजीनियरों की नियुक्ति की जाएगी. 

आदिवासी युवाओं को पुलिस और सेना में भर्ती के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. नल से हर घर में पानी की आपूर्ति का भी वादा है. 

यह बातें मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को रामनगर मंडल में जनजातीय गौरव सप्ताह के समापन समारोह में कहीं. उन्होंने ​​600 करोड़ रुपए से ज्यादा की विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी.

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