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झारखंड के दुमका में 15 वर्षीय आदिवासी लड़की का शव पेड़ से लटका मिला

झारखंड के दुमका ज़िले में एक 15 वर्षीय आदिवासी लड़की पेड़ से लटकी मिली. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी.

पुलिस अधीक्षक, अंबर लाकड़ा ने कहा कि बुधवार को राज्य की राजधानी रांची से लगभग 250 किलोमीटर दूर दुमका के काठीकुंड ब्लॉक के पटनिया गांव में एक किशोर लड़की एक पेड़ से लटकी मिली थी.

एसपी ने कहा कि लड़की के पिता के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें कहा गया है कि उसकी बेटी की हत्या की गई और इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए फांसी से लटका दिया गया है.

एसपी लाकड़ा ने कहा कि लड़की 10वीं कक्षा की छात्रा थी. वह अपनी छोटी बहन और भाई के साथ अपनी दादी के साथ रह रही थी.

प्राथमिकी में, लड़की के पिता ने कहा कि उसे पता चला कि उसकी बेटी का 22 वर्षीय व्यक्ति के साथ संबंध था और वह उससे फोन पर बात करता था. पिता ने कहा कि जब उन्होंने अपनी बेटी के बारे में पूछने के लिए उस व्यक्ति से संपर्क किया तो उस व्यक्ति ने कहा कि वह काठीकुंड के आसपास कहीं होगी और उन्हें वहां खोजने के लिए कहा.

जिसके बाद लड़की का शव काठीकुंड ब्लॉक में पेड़ से लटका मिला. लड़की के परिजनों का आरोप है कि युवक ने उसकी हत्या कर शव को फांसी पर लटका दिया.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बच्ची का शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए फूलो झानो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया है.

नाबालिक की मां ने हत्या की आशंका जताते हुए नाबालिक लड़की के कथित प्रेमी रामकुमार मरांडी पर आरोप लगाया था. परिजनों की आशंका पर पुलिस उक्त प्रेमी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

वहीं दूसरी तरफ दुमका में लगातार नाबालिग बच्चियों के साथ हत्या और दुष्कर्म के बढ़ते मामले पर विपक्ष ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को निष्क्रिय करार दिया. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल ने ट्वीट करते हुए संथाल को आदिवासी बच्चियों के लिए डेंजर जोन करार दिया. लगातार आदिवासी बच्चियों के साथ बढ़ते अपराध को लेकर राज्य की जनता भी काफी आक्रोशित है.

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