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मध्यप्रदेश: पीएम आवास के लिए सबसे ग़रीब आदिवासी से रिश्वत ली गई

मध्यप्रदेश (Tribes of Madhya Pradesh) के शिवपुरी ज़िले (Shivpuri District) में स्थित खजूरी ग्राम पंचायत से रिश्वत लेने और फिर लौटाने की अजीबोगरीब खबर मिली है.

इस गाँव में आदिवासियों से ली गई रिश्वत (Corruption) की रकम उन्हें वापस लौटा दी गई है. रिश्वतख़ोर लोगों ने बाकायदा गाँव में चौपाल लगाकर यह रकम वापस की है.

यह शायद देश का पहला ऐसा मामला रहा होगा, जहां एक गाँव में चौपाल लगाकर रिश्वत की रकम वापस की गई हो.

दरअसल खूजरी ग्राम पंचायत में रहने वाले आदिवासियों से प्रधानमंत्री जन-मन आवास योजना (PM-Janman Awas yojana) के तहत रिश्वत ली गई थी.

गाँव के सरपंच पति और पंचायत सचिव पर रिश्वत लेने का आरोप लगया गया है.

प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत सरपंच और पंचायत सचिव ने आवास बंटवारे और आवास बनाने की रकम तब तक रिलीज नहीं की है, जब तक आदिवासियों से 20 हज़ार से लेकर 40 हज़ार रूपये तक की रिश्वत ना वसूल ली हो.

गांव के लोगों ने इन दोनों की शिकायत ज़िला कलेक्टर को की थी. इसके बाद सरपंच ने आदिवासियों से घूस में लिए गए पैसे वापस कर दिए.

इस मामले में जिला पंचायत ने सचिव के खिलाफ कारण बताओं नोटिस ज़ारी कर दिया. जिसका जवाब देने के लिए उन्हें सात दिन दिए गए है.

इस मामले को आदिवासी संगठनों द्वारा कई बार उठाया गया. आदिवासी संगठनों की बदौलत ही आदिवासियों के साथ हो रहे इस अन्याय के बारे में ज़िला प्रशासन को जानकारी मिल पाई.

रिश्वतख़ोरों ने सभी आदिवासियों से कुल 2,30,000 रूपये घूस के रूप में लिए थे.

आदिवासियों ने यह आरोप लगाया कि सरपंच पति और ग्राम पंचायत सचिव रोशन कुमार सहित उनके सहयोगी अजीत शर्मा द्वारा जनमन आवास योजना के तहत रिश्वत ली गई थी.

यह भी दावा किया जा रहा है कि इस मामले की बड़े पैमाने पर जांच की जाएगी.

पीएम-जनमन का मकसद देश के उन जनजातीय समुदायों का विकास है जिन्हें विशेष रुप से पिछड़े माना जाता है.

इस योजना के लिए लगभग 24,000 करोड़ रुपये का बजट है. इस योजना को नौ मंत्रालयों के माध्यम से लागू किया जा रहा है जिसमें घर उपलब्ध कराने सहित 11 महत्वपूर्ण पहलों को शामिल किया गया है.

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