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केंद्र और असम सरकार आज 8 आदिवासी उग्रवादी संगठनों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे

असम और केंद्र सरकार के बीच आज बेहद अहम समझौते पर हस्ताक्षर होने हैं. शांति प्रक्रिया शुरू होने के 10 साल बाद आज नई दिल्ली में केंद्र और असम सरकार राज्य के आठ आदिवासी उग्रवादी संगठनों के साथ त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की उपस्थिति में शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.

आठ विद्रोही समूह, जिसमें बिरसा कमांडो फोर्स (BCF), आदिवासी पीपुल्स आर्मी (APA), ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA), असम की आदिवासी कोबरा मिलिट्री (ACMA) और संथाली टाइगर फोर्स (STF) हैं. इसके साथ ही शेष तीन संगठन BCF, ANLA, ACMA के अलग- अलग समूह भी शामिल हैं.

बिरसा कमांडो फोर्स (BCF), आदिवासी पीपुल्स आर्मी (APA), ऑल आदिवासी नेशनल लिबरेशन आर्मी (AANLA), असम की आदिवासी कोबरा मिलिट्री (ACMA) और संथाली टाइगर फोर्स (STF) 2012 से सरकार के साथ संघर्ष विराम में हैं और उसके बाद शांति वार्ता कर रहे हैं. इन समूहों के सौ से अधिक कार्यकर्ता अब अस्थायी रूप से असम पुलिस के संरक्षण में निर्दिष्ट शिविरों में रह रहे हैं.

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मुझे यकीन है कि समझौते पर हस्ताक्षर से असम में शांति और सद्भाव के एक नए युग की शुरुआत होगी.

दरअसल, जनवरी 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने 50 साल से अधिक पुराने बोडो संकट को समाप्त करने के लिए नई दिल्ली में भारत सरकार, असम सरकार और बोडो प्रतिनिधियों के बीच एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने की अध्यक्षता की थी.

फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) गुटों के कुल 1,615 कैडरों ने 30 जनवरी, 2020 को अपने हथियार डाल दिए. इस अवसर पर एनडीएफबी के सदस्यों द्वारा एके 47 राइफल, लाइट-मशीन गन और स्टन गन सहित 4,800 से अधिक हथियार डाले गए.

इसी साल 27 जनवरी को भी राज्य के दो उग्रवादी गुटों के कुल 246 विद्रोहियों ने हथियार डाल दिए और मुख्यधारा में लौट आए थे. गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित एक औपचारिक समारोह में यूनाइटेड गोरखा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (UGPO) के 169 विद्रोहियों और तिवा लिबरेशन आर्मी (TLA) के 77 विद्रोहियों ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, असम के डीजीपी भास्कर ज्योति के सामने हथियार रखे थे.

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