छत्तीसगढ़ के बस्तर के बीजापुर जिले में बुधवार को नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में 70 वर्षीय आदिवासी महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
घटना में बुजुर्ग आदिवासी महिला के दोनों टखने कट गए.
घटना उसूर थाना क्षेत्र के ताड़ेपल्ली के जंगल वाले गांव में हुई. जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, महिला सुबह वन उपज इकट्ठा करते समय सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी पर चढ़ गई.
जिसके बाद घायल बुर्जुग महिला को गांव वालों ने उसे उसके घर पहुंचाया.
घटना की जानकारी मिलने पर सीआरपीएफ कर्मियों की एक टीम गांव पहुंची और घायल महिला को बीजापुर के जिला अस्पताल ले गई.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में उसके दोनों पैर के टखने कट गए और उसकी हालत गंभीर बताई गई है.
इससे पहले इसी साल 13 जनवरी को बीजापुर जिले के गंगालूर थाना अंतर्गत चेरपाल-पालनार मार्ग पर माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी पर पैर रखने से आठ वर्षीय एक लड़की गंभीर रूप से घायल हो गई थी.
दरअसल, माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिए पूरे बस्तर में आईईडी लगा दिए हैं. पिछले कई महीनों में आईईडी विस्फोटों में कई निर्दोष आदिवासी नागरिक घायल हुए हैं.
सुरक्षा बलों का कहना है कि उन्होंने बस्तर में आईईडी को नष्ट करना शुरू कर दिया है.
बस्तर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी को पूरे बस्तर से हटाना एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण काम है. लेकिन सुरक्षा बलों ने सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए माओवादियों द्वारा लगाए गए कई आईईडी का पता लगाया और उन्हें निष्क्रिय कर दिया है. हालांकि, माओवादी अपने गढ़ में नए आईईडी लगाते हैं.”
बस्तर में जान गंवाते निर्दोष
बस्तर में चले आ रही हिंसा-प्रतिहिंसा के बीच सिर्फ पुलिस और नक्सलियों को ही नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा है. बल्कि आम नागरिक भी इसके शिकार होते दिख रहे हैं.
सरकार की तरफ से चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) में कई बार सुरक्षा बल के जवानों पर फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगाए गए हैं. जिसमें निर्दोष ग्रामीणों की हत्या के आरोप भी शामिल हैं.
वहीं जवानों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से लगाए गए प्रेशर IED की चपेट में आकर आम निर्दोष लोग भी आए दिन मारे जा रहे हैं.
पिछले 5 महीने में नक्सलियों के लगाए गए प्रेशर IED की चपेट में आकर अब तक 8 निर्दोष गांव वासी जख्मी हो चुके हैं जिनमें से चार की दर्दनाक मौत हो चुकी है.