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Chhattisgarh Assembly Election 2023: पीएम मोदी ने द्रौपदी मुर्मू के चुनाव को बस्तर में आदिवासी ट्रंप कार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) क्षेत्र में अपना आदिवासी कार्ड जमकर खेला और मतदाताओं से राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के चुनाव का विरोध करने के लिए कांग्रेस से बदला लेने की अपील की.  उन्होंने कहा कि यह “भाजपा का नहीं बल्कि पूरे आदिवासी समुदाय का अपमान है.”

7 नवंबर को पहले चरण के मतदान के लिए निर्धारित बस्तर क्षेत्र के आदिवासी बहुल कांकेर (Kanker) जिले में भाजपा की ‘विजय संकल्प महारैली’ के दौरान एक उग्र भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार, आदिवासी समुदायों की उपेक्षा करने और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रति अनादर दिखाने का आरोप लगाया.

उन्होंने कांग्रेस को उसकी ‘तुष्टीकरण की राजनीति और वंशवादी शासन’ के लिए घेरते हुए कहा कि इसके शासन में कोई प्रगति नहीं हो सकती. उन्होंने लोगों से आदिवासियों, गरीबों और वंचितों के हितों की रक्षा के लिए भाजपा को वोट देने का आग्रह किया.

पीएम मोदी ने राज्य में चरमराती स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि विकास और कांग्रेस एक-दूसरे के बिल्कुल विरोधी हैं.

इसके साथ ही भूपेश बघेल सरकार पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए, पीएम मोदी ने कसम खाई कि जिन लोगों ने राज्य को लूटा है, उन्हें परिणाम भुगतना होगा और भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद गलत तरीके से अर्जित लाभ वापस करना होगा.

भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले कांग्रेस शासन के तहत “दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार” का बार-बार संदर्भ दिया.

पीएससी रोजगार घोटाले की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बघेल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और कहा, “हमने कांग्रेस के 5 वर्षों के कुशासन का अनुभव किया है जिससे उनके नेताओं की वृद्धि और समृद्धि हुई है. लेकिन गरीबों, दलितों, आदिवासियों, हाशिए पर रहने वाले लोगों और किसानों की स्थिति जस की तस रही.”

उन्होंने सभी कांग्रेस शासित राज्यों पर केवल दिल्ली के खाली खजाने को भरने के लिए जनता का पैसा लूटने का आरोप लगाया.

पीएम मोदी ने कहा कि “तीस तक्के कक्का, आपका काम पक्का (कक्का को 30% कमीशन, जो कि बघेल के लिए उनका उपनाम था और आपका काम हो जाएगा). अब समय आ गया है कि इस 30 फीसदी कक्का कमीशन वाली सरकार को अब उखाड़ फेंका जाना चाहिए.

उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 9 वर्षों में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के कल्याण और विकास के लिए करोड़ों रुपये हस्तांतरित किए लेकिन कांग्रेस ने इसे भी लूट लिया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “मैं इसे जाने नहीं दूंगा और जनता का पैसा लूटने या भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.”

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किए गए वादे बहुत ठोस थे और उन्हें सही मायनों में पूरा किया गया. उन्होंने गरीबों, दलितों, आदिवासियों और हाशिये पर पड़े लोगों को नल का पानी, गैस कनेक्शन, बैंकिंग सेवा, शौचालय और आवास का लाभ दिलाने में मदद करने का श्रेय अपनी सरकार को दिया.

उन्होंने किसानों की बात करते हुए कहा कि भाजपा सरकार धान उत्पादकों को उनकी उपज की रिकॉर्ड खरीद और प्रत्यक्ष धन हस्तांतरण के साथ मदद करने के अलावा बाजरा की खपत को बढ़ावा दे रही है.

उन्होंने राज्य को राष्ट्रीय मुख्यधारा में एकीकृत करने का संकल्प लेते हुए कहा, “केंद्र सरकार ने 90 से अधिक किस्मों के लिए एमएसपी की पेशकश करके वन उपज का दायरा बढ़ाया है. तेंदू पत्ता उत्पादकों को भी सशक्त बनाया जाएगा और रोजगार पैदा करने के लिए नए कारखाने स्थापित किए जाएंगे.”

पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि यह चुनाव सिर्फ विधायकों या मंत्रियों को चुनने के बारे में नहीं है, बल्कि युवाओं के भविष्य को आकार देने के बारे में है, जिन्हें कांग्रेस ने विभिन्न तरीकों से धोखा दिया है. जैसे कि राज्य के लोक सेवा आयोग में हेरफेर करना.

इस आदिवासी बहुल बेल्ट में मोदी के आक्रामक अभियान का उद्देश्य कांग्रेस को उखाड़ फेंकना है क्योंकि इस माओवाद प्रभावित क्षेत्र की सभी 12 सीटों पर उसका नियंत्रण है. जिसमें अक्टूबर 2019 में चित्रकोट उपचुनाव में उसकी जीत भी शामिल है.

मुर्मू के आदिवासी होने के कारण उन्हें संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया – खरगे

जहां एक तरफ पीएम मोदी बस्तर के आदिवासी बहुल कांकेर जिले में जनता से राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू के चुनाव का विरोध करने के लिए कांग्रेस से बदला लेने की अपील कर रहे हैं.

वहीं दूसरी तरफ बस्तर क्षेत्र के ही सुकमा जिले में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर बुधवार को आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में इसलिए नहीं बुलाया गया क्योंकि वह ‘अछूत’ जाति से हैं और राष्ट्रपति मुर्मू से नई संसद का उद्घाटन इसलिए नहीं कराया गया क्योंकि वह आदिवासी हैं.

खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नहीं चाहते कि सत्ता गरीबों के हाथ में जाए.

राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी हमेशा कहती है कि उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया. लेकिन आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाया। उसका शिलान्यास हुआ तब तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया क्योंकि वह अछूत थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन के समय नहीं बुलाया क्योंकि वह आदिवासी हैं. वह उनके हाथ से उद्घाटन करना नहीं चाहते थे.”

उन्होंने कहा, “वह (भाजपा के नेता) कहते हैं कि उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया लेकिन उन्हें कोई भी इमारत का शिलान्यास करने का मौका नहीं मिला.”

उन्होंने देश के विकास में कांग्रेस के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, “देश जब आजाद हुआ तब स्कूल व कॉलेज का निर्माण हुआ. बैंक नहीं थे, उद्योग नहीं था. आज जो भी है उसमें सबसे बड़ा योगदान कांग्रेस का है और भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पूछते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया.”

उन्होंने कहा, ”हमने देश के लिए कुछ किया है इसलिए हम वोट मांग रहे हैं. इस देश के नागरिकों की भलाई की है इसलिए हम वोट मांग रहे हैं. इस देश की आजादी के लिए कांग्रेस पार्टी के लोग सूली पर चढ़े इसलिए हम वोट मांग रहे हैं.”

खरगे ने कहा कि वह सिर्फ वोट मांगने नहीं आए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के अलावा (आदिवासी) समुदाय, संविधान, लोकतंत्र और देश की रक्षा भी करनी है.

छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 7 और 17 नवंबर को मतदान होगा. बस्तर क्षेत्र की 12 विधानसभा सीटें उन 20 सीटों में शामिल है जहां सात नवंबर को मतदान होगा.

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