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चिंटूर आदिवासी इलाक़े में कुपोषण और अनीमिया एक बड़ी समस्या

आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी के जिला कलेक्टर हरि किरण ने रविवार को स्वास्थ्य, महिला एवं बाल कल्याण अधिकारियों को चिंटूर एजेंसी (आदिवासी) इलाक़े में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की स्थिति में सुधार और बच्चों में कुपोषण की दर को दूर करने का निर्देश दिया.

कलेक्टर हरि किरण और एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी (आईटीडीए-चिंटूर) के परियोजना अधिकारी ए वेंकट रमणा ने रविवार को एडुगुरलापल्ली में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया, और वहां इलाज की सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का जायज़ा लिया.

कलेक्टर हरि किरण के चिंटूर एजेंसी के पहले दौरे में चिकित्सा और स्वास्थ्य कर्मचारियों को आदिवासियों को समय पर सेवाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. चिंटूर एजेंसी इलाक़े में बड़ी संख्या में गोट्टी कोया आदिवासी परिवार रहते हैं, जो माओवादियों के साथ संघर्ष के दौरान छत्तीसगढ़ से पलायन कर यहां आकर बसे थे.

एडुगुरलापल्ली पीएचसी में कलेक्टर ने एक एम्बुलेंस सेवा का भी उद्घाटन किया. अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने एजेंसी इलाक़े में कुपोषण की बढ़ती दर और एनीमिया की गंभीर स्थिति पर कुश लगाने के लिए एक कार्य योजना बनाने का भी निर्देश दिया है.

गोट्टी कोया आदिवासियों में कुपोषण और अनीमिया की स्थिति गंभीर है

इसके अलावा उन्होंने उस समय पीएचसी में भर्ती गर्भवती महिलाओं से सुविधाओं के बारे उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही.

कलेक्टर ने कोम्मू कोया आदिवासी नर्तकियों के साथ भी बातचीत की, जिन्होंने मौक़े पर आईटीडीए परिसर में अपने पारंपरिक नृत्य का प्रदर्शन किया. हरि किरण ने भारतीय बाइसन के दो सींगों वाली पारंपरिक टोपी पहनकर इन आदिवासी लड़कियों के साथ कुछ समय बिताया.

गोट्टी कोया आदिवासी बच्चों में कुपोषण की समस्या गंभीर है. इसके अलावा इन आदिवासियों की कई बस्तियों पीने के साफ़ पानी की आपूर्ति और शिक्षा सुविधाओं की भी कमी है.

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