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छत्तीसगढ़ में 1000 ईसाई हिंसा का शिकार हुए, कुछ का जबरन धर्मांतरण: नागरिक अधिकार समूह

कुछ नागरिक अधिकार समूहों ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1,000 ईसाई आदिवासियों पर उनके धर्म को लेकर हिंसा की गई और उनमें से कुछ का जबरन धर्मांतरण करा दिया गया.

सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोसाइटी एंड सेक्युलरिज्म ने ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस और यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम के साथ साझेदारी में एक फैक्ट फाइंडिंग समिति का गठन किया था जिसने राज्य का दौरा किया.

फैक्ट फाइंडिंग समिति का नेतृत्व करने वाले सेंटर फॉर स्टडी ऑफ सोसाइटी एंड सेक्युलरिज्म के निदेशक इरफान इंजीनियर ने दावा किया कि “ईसाई आदिवासियों को जबरन हिंदू धर्म में परिवर्तित करने के लिए एक संगठित अभियान चलाया जा रहा है.”

उन्होंने कहा कि टीम ने पाया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1000 ईसाई आदिवासियों पर उनके धर्म को लेकर हिंसा की गई. टीम ने दावा किया कि विस्थापितों को धमकाया गया कि वे अपना विश्वास त्याग दें और हिंदू धर्म अपना लें ऐसा न करने पर उन्हें अपना गांव छोड़ना होगा या गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. सताए गए लोगों में वे महिलाएं और बच्चे शामिल हैं जिन्हें सार्वजनिक रूप से तब पीटा गया जब उन्होंने अपना नया धर्म छोड़ने से इनकार कर दिया.

उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 9 दिसंबर से 18 दिसंबर के बीच नारायणपुर के लगभग 18 गांवों और कोंडागांव के 15 गांवों में सिलसिलेवार हमले हुए, जिससे लगभग 1000 ईसाई आदिवासियों को उनके गांवों से विस्थापित होना पड़ा.

उन्होंने कहा कि इस कठोर सर्दियों के मौसम में आदिवासियों को अपना गांव छोड़कर खुले में आश्रय लेना पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया, “कुछ को जबरन हिंदू धर्म में धर्मांतरित किया गया.”

उन्होंने कहा कि वे अपनी फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को सौंपेंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे.

मानवाधिकार कार्यकर्ता जॉन दयाल ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों को लक्षित करने के लिए “कानून” बनाए हैं और इसे “बहुत खतरनाक मिसाल” कहा है.

‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट में कहा गया है, ”ईसाई आदिवासियों से कहा है कि वे अपना धर्म छोड़ कर हिंदुत्व अपना लें. ऐसा न करने पर उन्हें अपना गांव छोड़ना होगा और नतीजे भुगतने होंगे.”

रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कइयों को बुरी तरह पीटा गया. कम से कम 24 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. हमलों की वजह से कई ईसाई आदिवासी परिवारों को शेल्टर कैंपों में शरण लेनी पड़ी है. कुछ लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें खुले आसमान के नीचे वक्त बिताना पड़ रहा है.

2011 की जनगणा के अनुसार, छत्तीसगढ़ की कुल आबादी 2.55 करोड़ है. 4.90 लाख जनसंख्या ईसाईयों की है. ईसाई कुल आबादी का 1.92 प्रतिशत है. 2001 में यह संख्या कुल आबादी का 1.92 प्रतिशत थी. 32 प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या वाले छत्तीसगढ़ में पिछले कई सालों से बीजेपी ईसाई संगठनों पर आदिवासियों के धर्मांतरण का आरोप लगाती रही है.

दरअसल, राज्य में विधानसभा चुनाव में 10 महीने का समय बचा है. सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी एक-दूसरे पर सांप्रदायिकता बढ़ाने की कोशिश का आरोप लगा रहे हैं.

(Credit: PTI File Photo)

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