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कांग्रेस असम में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जीतने पर ‘धार्मिक नफरत फैलाने’ के खिलाफ कानून लाने का किया वादा

असम कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) ने रविवार को घोषणा की कि पार्टी ने राज्य में होने वाले आगामी चुनाव में 126 विधानसभा सीटों में से 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि बाकी सीटों पर कांग्रेस के सहयोगी चुनाव लड़ेंगे.

यह घोषणा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 141वें स्थापना दिवस के मौके पर तेजपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद की गई.

कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगर कांग्रेस राज्य में सत्ता में आती है तो “धार्मिक नफरत फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने” के लिए एक अलग कानून लाया जाएगा.

गौरव गोगोई ने कहा, “जनविरोधी बीजेपी को हराने के लिए, कांग्रेस समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनाव लड़ेगी. हमने संकल्प लिया है कि अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर हम सभी आने वाले विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे. हमारा फैसला है कि कांग्रेस अपने उम्मीदवारों के साथ 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें अन्य विपक्षी दलों के बीच बातचीत और सलाह-मशविरे से बांटी जाएंगी.”

उन्होंने यह भी दोहराया कि पार्टी ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है.

लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गोगोई ने AIUDF को एक “सांप्रदायिक” पार्टी बताया.

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस के नेतृत्व में असम के लोगों से जो सम्मान छीन लिया गया है, उसे बहाल किया जाएगा. कांग्रेस शांति और एकता में विश्वास करती है. जबकि भाजपा अशांति और विभाजन पर पनपती है. कांग्रेस को संविधान में विश्वास है, जबकि भाजपा लोकतंत्र को नष्ट करके तानाशाही शासन स्थापित करना चाहती है… चाहे वह चर्च हो, नामघर हो, मंदिर हो या मस्जिद, जो भी पूजा स्थल को अपवित्र करने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, “शंकरदेव-माधवदेव और अजान पीर के असम मेंबांटने वाली ताकतों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”

गोगोई ने कहा कि उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के 15 साल के शासन में गरीबों को फायदा हुआ. उन्होंने वादा किया कि अगर असम में कांग्रेस सत्ता में आती है तो असली और सार्थक बदलाव होंगे.

गोगोई ने दिवंगत भूपेन हजारिका और जुबीन गर्ग जैसी हस्तियों के असम के विजन का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस उस समावेशी और सद्भाव वाले राज्य को फिर से बनाएगी. उन्होंने कहा कि इस नए असम में हिंसा या नफरत के लिए कोई जगह नहीं होगी.

गोगोई ने कहा कि बांटने वाली ताकतों को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और बीजेपी सरकार पर पिछले 10 सालों में अपने किसी भी वादे को पूरा न करने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में लागू की गई कल्याणकारी योजनाओं से सभी को फायदा हुआ. लेकिन बीजेपी के तहत, फायदे तभी मिलते हैं जब कोई बीजेपी को सपोर्ट करता है. जब हमारी सरकार सत्ता में आएगी, तो हर योग्य व्यक्ति को फायदा मिलेगा, चाहे वे हमारा समर्थन करें या नहीं.

सीटों के बंटवारे पर कांग्रेस के फैसले के बारे में गोगोई की घोषणा राज्य में बीजेपी विरोधी दूसरी पार्टियों के साथ पार्टी के अस्थिर रिश्तों की पृष्ठभूमि में आई है.

इस तरह का गठबंधन बनाने की कोशिशें 2023 में शुरू हुई थीं, जब भूपेन बोरा असम कांग्रेस के प्रमुख थे और उन्होंने पिछले साल के लोकसभा चुनावों में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था.

हालांकि, पिछले साल नवंबर में विधानसभा उपचुनाव से पहले सीटों के बंटवारे को लेकर यह गठबंधन टूट गया.

इस साल की शुरुआत में इस गठबंधन को फिर से ज़िंदा करने की कोशिश भी इस साल के पंचायत चुनावों से पहले नाकाम हो गई.

पिछले महीने से असम जातीय परिषद, रायजोर दल, CPI(M), और CPI(ML) जैसी पार्टियों के साथ इसे फिर से बनाने की कोशिश की जा रही है.

असम में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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