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विदर्भ के आदिवासी, ग्रामीण, पहाड़ी इलाक़ों में कोविड-19 का असर ज़्यादा

महाराष्ट्र में कोविड-19 से होने वाली मौतों में विदर्भ के आदिवासी, ग्रामीण और पहाड़ी इलाक़ों का हिस्सा सबसे ज़्यादा है.

एक शोध में सामने आया है कि विदर्भ के नगरपालिका और शहरी इलाक़ों में होने वाली मौतें कुल मौतों का सिर्फ़ 40 प्रतिशत हिस्सा है. बाकी की कोविड-19 मौतें, खासकर पिछले दो हफ़्तों में, विदर्भ के आदिवासी, ग्रामीण और पहाड़ी इलाक़ों में हुई हैं.

इसका सीधा-सीधा मतलब है कि विदर्भ के इन इलाक़ों में यह बीमारी तेज़ी से और ख़तरनाक़ तरीक़े से फैल रही है. यह भी पाया गया है कि ग्रामीण और आदिवासी इलाक़ों में होने वाले केस सूचित नहीं किए जा रहे हैं, न ही समय से अस्पताल पहुंच रहे हैं.

अधिकारियों ने अपील की है कि लोग बीमारी के लक्षण छुपाए नहीं, और समय से डॉक्टर की मदद लें.

डॉक्टरों का कहना है कि ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने की सख्त ज़रूरत है. इसके अलावा कम से कम शहरों में मिलने वाली सुविधाओं का एक छोटा हिस्सा इन इलाक़ों में भी मिलना चाहिए.

आंकड़े स्थिति की गंभीरता को साफ़ बयान करते हैं. पिछले पांच (अप्रैल 15-19) दिनों में 600 से ज़्यादा मौतें ग्रामीण इलाक़ों में हुई हैं. चंद्रपुर, गढ़चिरौली और गोंडिया में कोविड-19 से होने वाली ज़्यादातर मौतें आदिवासी इलाक़ों से हैं.

इसके अलावा विदर्भ के ग्रमीण इलाक़ों में कोविड-19 से होने वाली कई मौतों का पता नहीं चल रहा है.

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