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नरीकुरवर समुदाय को एसटी सूची में शामिल करने की मांग तेज, एमके स्टालिन ने प्रधान मंत्री को लिखा खत

नरीकुरवर समुदाय की अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किए जाने की मांग को बढ़ावा देते हुए, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सामने यह मांग रखी है.

प्रधान मंत्री को खत लिखकर स्टालिन ने यह मांग उनके सामने रखी है. नरीकुरवर समुदाय के सदस्यों ने हाल ही में मुख्यमंत्री से वीडियो कॉल के माध्यम से शिक्षा समेत बेहतर आरक्षण फायदों के लिए उन्हें एसटी की सूची में जोड़ने की अपील की थी.

यह समुदाय पारंपरिक शिकारी है, और फिलहाल इस Most Backward Caste (एमबीसी) की सूची में रखा गया है.

चिट्ठी में स्टालिन ने कहा है कि तमिलनाडु सरकार की सिफारिशों के आधार पर, जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने 30 अप्रैल, 2013 को सूचित किया था कि रजिस्ट्रार जनरल ने भी समुदाय को एसटी की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई है. तमिलनाडु में अनुसूचित जनजातियों की सूची में नरीकुरवर समुदाय को कुरुविक्करन समुदाय के साथ ही रखा गया है.

स्टालिन ने यह भी कहा कि 1965 में लोकुर समिति और 1967 में संसद की संयुक्त समिति ने भी इस समुदाय को शामिल करने की सिफारिश की थी.

“नरीकुरवर समुदाय तमिलनाडु में सबसे वंचित और कमजोर समुदायों में से एक है और इसलिए अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल किए जाने के पात्र है,” स्टालिन ने कहा.

नवंबर 2021 में दीपावली के दिन मुख्यमंत्री स्टालिन ने नरीकुरवर समुदाय की एक कॉलोनी का दौरा किया था, तब से ही समुदाय उनके सामने अपनी कई मांगें रख चुका है.

स्टालिन का दौरा तब आया था जब कॉलोनी के एक निवासी को मामल्लपुरम के एक मंदिर में भोजन देने से मना कर दिया गया था, जिससे बड़ा विवाद खड़ा हुआ था.
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