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महाराष्ट्र: नाबालिग आदिवासी लड़की की गर्भावस्था पर विवाद, स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक (nashik) के एक जांच समिति (An investigation community) ने नाबालिग आदिवासी लड़की (minor tribal girl) के गर्भवती होने का आरोप स्कूल वालों को ठहराया है. ये लड़की कक्षा 9 की छात्रा है.

आयुक्त कार्यालय ने समिति की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार को स्कूल की मंजूरी रद्द करने का प्रस्ताव दिया है.

दरअसल ऑल इंडिया ट्राइबल डेवलपमेंट काउंसिल (All India tribal development council) ने आरोप लगया है कि स्कूल स्थिति को संभालने में नाकामयाब रहा है.

इस खबर के आते ही आदिवासियों के विकास कार्य और शिक्षा स्तर पर कई सावाल उठाए जा रहे हैं.

इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक आदिवासी लड़की कलमनुरी इंटीग्रेटेड ट्राइबल प्रोजेक्ट (Kalmanuri Integrated Tribal Project) की छात्रा है, जो अमरावती अतिरिक्त आयुक्त कार्यालय (Amravati Additional Commissioner’s Office) के अंतर्गत आता है.

इसी प्रोजेक्ट के तहत आदिवासी नाबालिग लड़की का दाखिला एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में किया गया था. इस स्कूल का नेतृत्व नासिक अतिरिक्त आयुक्त कार्यालय के कलवान परियोजना के तहत किया जाता है.

आदिवासी छात्रा ने समाज के डर से अपनी डिलीवरी के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं दी थी.

घटना के बारे में जानकारी मिलते ही जांच के लिए जनजातीय आयुक्तालय ने जांच समिति का गठन किया. इस समिति में लगभग पांच सदस्य मौजूद थे.

इस समिति के सदस्यों ने पूछताछ के लिए कलमनुरी परियोजना और संबंधित स्कूल का दौरा किया था.

समिति की रिपोर्ट में स्थिति को संभालने में ढिलाई के लिए स्कूल प्रशासन पर उंगली उठाई गई है. इसके बाद, आयुक्त कार्यालय ने राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेजकर संबंधित स्कूल की मंजूरी रद्द करने का आग्रह किया है.

वहीं बढ़ते विवाद के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने इस मामले पर जानकारी मांगी है. जवाब में पुलिस और बाल कल्याण विभाग मामले की विस्तृत जानकारी के लिए आदिवासी प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं.

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सायली पालखेडकर ने भी स्थिति पर ध्यान दिया है. एक बयान में पालखेडकर ने स्कूल के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया, जिन्होंने कथित तौर पर नाबालिग लड़की की गर्भावस्था से संबंधित जानकारी छिपाई थी.

उन्होंने बाल अधिकार आयोग को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने, मामले में न्याय सुनिश्चित करने और दोषी पक्षों को जवाबदेह ठहराने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता व्यक्त की.

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