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तेलंगाना तैयार है एशिया के सबसे बड़े आदिवासी उत्सव के लिए

एशिया के सबसे बड़े आदिवासी उत्सव सम्मक्का सरलम्मा जतारा के लिए तेलंगाना के मेदारम में तैयारियां जोरों पर हैं. 16 फरवरी से शुरू होने वाले उत्सव के सफल आयोजन के लिए सरकार ने व्यापक इंतजाम किए हैं.

राज्य के विभिन्न हिस्सों और पड़ोसी आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ से मेदारम पहुंचने वाले भारी वाहनों को मंगलवार से डायवर्ट किया जाएगा. उत्सव से पहले विकसित किए गए अलग-अलग ऐप के माध्यम से आने वाले अपने लिए बनाई गई आवास सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं.

मुलुगु में जिला प्रशासन ने मंदिर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के सहारे निरंतर निगरानी बनाए रखने के अलावा कतार बनाए रखने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.

तेलंगाना की आदिवासी कल्याण मंत्री सत्यवती राठौड़ ने कहा कि त्योहार के दौरान समस्या पैदा करने वालों और चोरों पर नजर रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा.

इसके अलावा, महिलाओं को छेड़खानी करने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने में मदद करने के लिए एसएचई टीमों को भी तैनात किया जाएगा.

मंत्री ने यह बताया कि मंदिर और उसके आसपास साफ-सफाई को प्राथमिकता देने के लिए संबंधित अधिकारियों को पहले ही निर्देश जारी कर दिए गए हैं.

सत्यवती राठौड़ ने कहा, “त्योहार के दौरान उचित स्वच्छता सुनिश्चित करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए.”

कतारों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए पुलिस विभाग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर रहा है.

पीने के पानी की सुविधा भी कतारों में उपलब्ध कराई जाएगी. कोविड -19 के मद्देनजर, प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी है.

कोविड परीक्षण केंद्र स्थापित करने के अलावा, अधिकारियों ने पॉजिटिव पाए जाने वालों के लिए आइसोलेशन सेंटर भी स्थापित किए हैं. फेस मास्क और सैनिटाइज़र का वितरण बड़े पैमाने पर किया जाएगा.

आने वाले भक्तों को सलाह दी गई है कि वे कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें और जतारा के दौरान सुरक्षित तारीके से सम्मक्का सरलम्मा की देवी के दर्शन करें.

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