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एक लाख आदिवासियों को मकान की पहली किस्त मिली, प्रधानमंत्री मोदी ने बात भी की

सोमवार, 15 जनवरी को प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime minister Awas Yojana) के तहत 1 लाख आदिवासियों को पक्के मकान (First installment of 1 lakh rupees distributed) आंवटित करने के लिए पहली किश्त भेजी गई.

ये आदिवासी परिवार पीवीटीजी (PVTG) यानि विशेष रुप से पिछड़ी जनजाति समूह के हैं.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Prime minister meet PVTG through video conference) के माध्यम से इन पीवीटीजी( विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों) लाभार्थियों के साथ बातचीत भी की है.

सरकार की तरफ से बताया गया है कि यह आयोजन 100 से अधिक ज़िलों में आयोजित किया गया था.

दो महीने पहले 15 नवंबर को प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा के जन्मस्थल खूंटी के उलिहातु से पीएम जनजातीय न्याय महाअभियान की घोषणा की थी. जिसके अंतर्गत उन्होंने ये दावा किया था की पीवीटीजी के लिए इस योजना के तहत 24 हज़ार करोड़ रूपयें खर्च किए जाएंगे.

नवंबर में की गई इस घोषणा के बाद से केंद्र सरकार ये दावा करती आई है की 75 पीवीटीजी समुदायों के विकास के लिए 9 मंत्रालयों द्वारा अब तक 4,700 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है.

पीएम-जनमन का कुल ख़र्च 24,104 (PM Janman total expense)करोड़ रूपये है. इस योजना के अंतर्गत सरकार के नौ मंत्रालयों को पीवीटीजी के लिए विकास योजना पर काम करने की ज़िम्मेदारी दी गई है.

इस योजना का उद्देश्य (Goals of PM janman) पक्के मकान, स्वच्छ पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करना और पीवीटीजी तक पहुंचना बताया गया है.

इस योजना के तहत पक्के मकान के अलावा, सरकार ने ये भी दावा किया की वो अब तक कई परियोजनाओं में 1,207 किलोमीटर सड़के बनाने की योजना बना चुकी है.

सरकार द्वारा 2023-26 तक 8,000 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

इसके साथ ही 500 छात्रावासों के लक्ष्य में से 100 छात्रावास को अब तक शिक्षा मंत्रालय से स्वीकृती दी जा चुकी है.

सरकार ने दावा किया है कि इस योजना में अभी तक 916 आंगनबाड़ी को मंज़ूरी मिल चुकी है. जिनमें से 816 इस महीने के अंत तक चालू हो जाने की उम्मीद है.

सरकार ने 2023-2026 के लिए 2,500 आंगनबाड़ी बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

सरकार ने ये भी दावा किया है की पीवीटीजी के हर घर तक पहुंचने के लिए पिछले तीन हफ्ते में 7000 से ज्यादा कैम्प लगाए जा चुके हैं.

इन 7000 कैंपों के अंतर्गत 188 ज़िलों में रहने वाले लोगों के सरकारी दस्तावेज़ (जैसे आधार कार्ड बनाने, जनधन खाते खोलने, आयुष्मान कार्ड) बनाए गए.

इन दस्तावेज़ो को बनाने के लिए केंद्र सरकार ने यूआईडीएआई, सीएससी, एनएचए, ग्रामीण विकास मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग की सहायता ली थी.

सरकार ने दावा किया है कि पिछले 25 दिनों में 70,000 नए आधार कार्ड और 82,000 आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए हैं.

इसी प्रकार वन अधिकार अधिनियम के तहत 10,396 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार दिये गये हैं और 49,916 जाति प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं.

सरकार ने ये भी दावा किया है की मुख्यधारा से अधिक दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण कई आदिवासी बस्तियों के लोग प्रमुख योजनाओं के लाभ से पूरी तरह से वंचित रह गए थे और इन्हें अब सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा.

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