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एस फांगनोन कोन्याक नागालैंड से पहली राज्य सभा सांसद बनीं, इतिहास में यह घटना दूसरी बार हुई है

एस फांगनोन कोन्याक नगालैंड से पहली महिला जो राज्य सभा की सांसद बन गईं हैं. आज तक राज्य सभा में नगालैंड से कोई भी महिला सदस्य नहीं बनी थीं. कोन्याक को राज्य सभा के सभापति और उप-राष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने शपथ दिलाई. इस दौरान कोन्याक अपनी परंपरागत वेशभूषा में नजर आईं.

एस फांगनोन कोन्याक 2017 में बीजेपी में शामिल हुईं और वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं. रानो एम शाजा के बाद 45 वर्षों में संसद सदस्य बनने वाली वे नागालैंड की दूसरी महिला हैं. वह सत्तारूढ़ संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (यूडीए) की सर्वसम्मत से तय की गई उम्मीदवार थीं.

राज्यसभा के लिए कोन्याक का निर्वाचन उन्हें नागालैंड से 45 वर्षों में संसद सदस्य बनने वाली दूसरी महिला बनाता है. इससे पहले रानो एम शाजा 1977 में राज्य से लोकसभा सांसद चुनी जाने वाली पहली नागा महिला बनी थीं.

साल 1963 में नागालैंड को राज्य का दर्जा मिलने के बाद से अब तक वह एकमात्र महिला सांसद थीं. बहरहाल 58 साल पहले राज्य बनने के बाद भी नागालैंड में अभी पहली महिला विधायक का चुना जाना बाकी है.

इससे साफ है कि नागालैंड की राजनीति में किसी महिला का आगे बढ़ना कितना कठिन काम है. राज्यसभा के लिए कोन्याक के निर्वाचन से नागालैंड की महिलाओं को राजनीति में आगे आने की प्रेरणा मिल सकती है.

हालाँकि यह आसान काम नहीं होगा. विधान सभा ही नहीं बल्कि स्थानीय निकायों में भी महिलाओं की उपस्थिति नहीं है. इस सिलसिले में नागालैंड में स्थानीय निकायों और नगर निगमों में महिलाओं के लिए आरक्षण का एक प्रस्ताव आया था.

लेकिन राज्य के नागा संगठनों ने इस प्रस्ताव पर इतना विरोध किया कि इस प्रस्ताव को ख़ारिज करना पड़ा. नागालैंड में ट्राइबल समुदायों में महिलाओं को फ़ैसले लेने वाली संस्थाओं का हिस्सा नहीं बनाया जाता है.

यहाँ के नागा संगठन मानते हैं कि यह उनके परंपरागत क़ानूनों के ख़िलाफ़ है. 

एस फांगनोन कोन्याक ने 2002 में दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री हासिल की है. कॉलेज में वह छात्र राजनीति और सामाजिक संगठनों में शामिल होकर राजनीति में सक्रिय थीं.

कोन्याक 2017 में बीजेपी में शामिल हुईं और तेजी से आगे बढ़ते हुए वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष हैं. उनके नामांकन दाखिल करने के बाद यूडीए के एक महत्वपूर्ण घटक नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने यूडीए का हिस्सा होने के बावजूद राज्यसभा के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया था.

लेकिन बाद में वह पीछे हट गया. NPF के अध्यक्ष डॉ. शुरहोजीली लिजित्सु ने कहा कि पार्टी को एक उम्मीदवार को नामित करने के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन नहीं मिला.

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