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आदिवासी वोट पर फोकस, आज से गुजरात में गौरव यात्रा पर होगी बीजेपी

बीजेपी ने गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) के लिए कमर कस ली है. बुधवार यानि आज से बीजेपी ‘गुजरात गौरव यात्रा’ (Gaurav Yatra) शुरू करने जा रही है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात गौरव यात्रा को हरी झंडी दिखाकर इसकी शुरुआत करेंगे. इस यात्रा की खास बात यह है कि ऐसी कुल 5 यात्राएं होंगी जो गुजरात के अलग-अलग मंदिरों से शुरू होकर अलग-अलग मंदिरों पर खत्म होंगी.

इस गौरव यात्रा का मुख्य फोकस गुजरात के आदिवासी इलाकों पर रहेगा. जहां पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी को भारी नुकसान हुआ था.

यह तीसरी बार होगा जब बीजेपी राज्य में गौरव यात्रा आयोजित करेगी – पहली बार 2002 में, गुजरात दंगों के बाद और विधानसभा चुनावों से पहले किया था. दूसरी गौरव यात्रा 2017 में 2015 के पाटीदार आंदोलन के बाद हुई थी.

राज्य विधानसभी चुनाव से पहले बीजेपी 5 ‘गुजरात गौरव यात्रा’ निकालने जा रही है. जिसमें पहली दो यात्राओं को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे. जबकि तीन अन्य यात्राओं को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हर झंडी दिखाएंगे.

बीजेपी ने खुद को “रिकॉर्ड अंतर” से जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो कांग्रेस द्वारा अब तक की सबसे ज्यादा 149 सीटों से अधिक है. दरअसल, इस चुनाव में बीजेपी का लक्ष्य सबसे ज्यादा सीटें यानी 150 से ज्यादा सीटें जीतना है. गुजरात विधानसभा चुनाव में अभी तक किसी भी पार्टी ने 150 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल नहीं की है. हालांकि 1985 में कांग्रेस ने 149 सीटें जीती थीं, जो अब तक की सबसे अधिक है.

वरिष्ठ नेता जैसे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी आर पाटिल और अन्य राज्य के नेता यात्रा का हिस्सा होंगे. 10 दिनों में, बीजेपी ने कुल 182 विधानसभा क्षेत्रों में से 144 को कवर करने की योजना बनाई है, जो 5 हज़ार 734 किलोमीटर में फैले हुए हैं. 144 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने के दौरान 145 जनसभाएं करेंगे.

पांच मार्गों में मेहसाणा ज़िले के बेचाराजी से लेकर कच्छ ज़िले के माता नो मध तक शामिल हैं. द्वारका से पोरबंदर; अहमदाबाद ज़िले के जंजारका से गिर-सोमनाथ ज़िले के सोमनाथ तक; दक्षिण गुजरात के नवसारी ज़िले में उनाई से लेकर मध्य गुजरात के खेड़ा ज़िले के फागवेल तक और उत्तरी गुजरात में उनाई से अंबाजी तक.

बीजेपी की इस यात्रा में सबसे लंबा मार्ग उनाई से अंबाजी मंदिर होगा, जो राज्य के पूर्वी हिस्से में लगभग 490 किलोमीटर को कवर करता है, जहां आदिवासी ज़िले केंद्रित हैं. एक अन्य मार्ग का बड़ा हिस्सा, उनाई से फागवेल तक, जो आदिवासी बेल्ट के कुछ हिस्सों को भी कवर करेगा.

2017 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes) के लिए आरक्षित 27 सीटों में से सिर्फ नौ पर जीत हासिल की थी. भारतीय ट्राइबल पार्टी (Bharatiya Tribal Party) ने 2 जीते थे और बाकी कांग्रेस के खाते में गए थे. यात्रा के पीछे का मूल विचार गुजरात सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों को प्रदर्शित करना और भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना होगा.

नेता राज्य में पिछले दो दशकों के बीजेपी शासन के तहत गुजरात की “विकास यात्रा” के बारे में बोलेंगे, जिसमें कई उपलब्धियां भी शामिल हैं.. जैसे दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) और साबरमती रिवरफ्रंट का निर्माण, 24X7 बिजली का प्रावधान, साथ ही अन्य बुनियादी ढांचा विकास और परियोजनाएं.

जेपी नड्डा द्वारा यात्रा के दो चरण बुधवार को बेचाराजी और द्वारका को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पीयूष गोयल, मनसुख मंडाविया, पुरुषोत्तम रूपाला, अनुराग ठाकुर, गजेंद्र शेखावत, सर्बानंद सोनोवाल, हरदीप पुरी, प्रहलाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, संजीव बाल्यान, रावसाहेब दानवे आदि की मौजूदगी में शुरू करेंगे.

यात्रा का हिस्सा बनने वाले राज्य के नेताओं में पूर्व सीएम विजय रूपानी, पूर्व डिप्टी सीएम नितिन पटेल और अन्य पूर्व मंत्री शामिल हैं.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यात्रा का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना और चुनाव की अधिसूचना के बाद प्रचार के लिए तैयार करना है.” आदिवासी वोट पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, नेता ने कहा, “हमारी पार्टी 149 सीटों के कांग्रेस के रिकॉर्ड को तोड़ना चाहती है और इसके लिए अधिकतम आदिवासी सीटें जीतना महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस आदिवासियों के बीच मजबूत है.”

वहीं कांग्रेस भी आदिवासियों के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है और हाल ही में छोटा उदेपुर ज़िले से आदिवासी नेता सुखराम राठवा को गुजरात विधानसभा में अपना नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी जो एक पाटीदार हैं की जगह नियुक्त किया.

पार्टी के लिए एक बड़ी सफलता में, गुजरात सरकार को पार-तापी-नर्मदा नदी जोड़ने वाली परियोजना को रद्द करना पड़ा, जो महत्वपूर्ण आदिवासी भूमि के अधिग्रहण पर कांग्रेस द्वारा समर्थित विरोधों को देख रही थी.

2002 में, पहली गौरव यात्रा के बाद, जब मोदी मुख्यमंत्री थे और दंगों पर व्यापक निंदा का सामना कर रहे थे, तब बीजेपी ने राज्य की 182 सीटों में से 127 सीटें जीती थीं. वहीं 2017 में, मोदी लहर के केंद्र में होने यानि बीजेपी को सत्ता में लाने के तीन साल बाद, पार्टी 99 सीटों के साथ वर्षों में अपने सबसे कम प्रदर्शन पर आ गई थी.

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