मणिपुर के तेंगनोउपल जिले में मंगलवार सुबह सुरक्षा बलों और संदिग्ध उग्रवादियों के बीच फिर से गोलीबारी शुरू हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 107 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चवांगफाई क्षेत्र में आज सुबह गोलीबारी शुरू हुई.
एक दिन पहले पुलिसकर्मियों पर हमले में शामिल होने के आरोप में एक तलाश अभियान के दौरान दो लोगों को पकड़ा गया था. अधिकारी ने बताया कि स्थानीय महिलाएं दोनों व्यक्तियों की रिहाई की कोशिश कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि संदिग्ध उग्रवादियों के सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाकर गोलीबारी शुरू करने के बाद सुरक्षा कर्मियों ने भी जवाबी कार्रवाई की.
अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘‘गोलीबारी अब भी जारी है.’’
अन्य अधिकारी ने बताया कि सोमवार को उग्रवादियों एवं सुरक्षा कर्मियों के बीच हुई गोलीबारी के दौरान घायल हुए चार पुलिसकर्मी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कांस्टेबल को बेहतर उपचार के लिए विमान से मोरेह शहर से राज्य की राजधानी लाया गया है.
अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि घायल कर्मियों का वर्तमान में इंफाल में क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस) में उपचार हो रहा है.
मोरेह शहर भारत-म्यांमा सीमा के निकट स्थित है और यहां पिछले साल 30 दिसंबर से सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं.
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने राज्य के सुरक्षा बलों पर हमले को लेकर हाल में चिंता जाहिर की और इन इस तरह की घटनाओं को ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा’’ और ‘‘मणिपुर को अस्थिर करने का एक प्रयास’’ बताया.
सिंह ने यह भी कहा था कि एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र के प्रतिनिधियों से मिलने और उन्हें मौजूदा स्थिति से अवगत कराने के लिए जल्द दिल्ली रवाना होगा.
इंफाल घाटी में लगा कर्फ्यू
दरअसल, मणिपुर में सोमवार शाम को एक बार फिर हिंसा भड़क गई थी जिसके बाद थौबल और इंफाल वेस्ट जिलों में फिर से कर्फ्यू लगा दिया गया.
स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार शाम थौबल जिले के लिलोंग इलाके में अज्ञात हथियारबंद बदमाशों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प हो गई. लिलोंग में हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई है. मणिपुर पुलिस ने पुष्टि की है. शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं.
कथित तौर पर हथियारबंद बदमाशों ने नागरिकों पर गोलीबारी की जिसमें कम से कम तीन लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. अब मणिपुर की इंफाल घाटी में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है. बिष्णुपुर जिले से भी कर्फ्यू में छूट वापस ले ली गई है.
वहीं सीएम एन बीरेन सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी कर लोगों से शांति बरतने और कानून अपने हाथ में नहीं लेने की अपील की. उन्होंने लोगों से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सहयोग करने को कहा है.
उन्होंने कहा, ‘मैं लिलोंग के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे अब और हिंसा न करें. राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है. अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए इलाके में और अधिक पुलिस तैनात की जाएगी’.
सीएम ने उपद्रवियों को सरेंडर करने या अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दी.
अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा के बाद थौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है.
मणिपुर हिंसा की शुरुआत
पिछले साल 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोग मारे जो चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं. मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा की मांगने के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित करने के बाद से राज्य में हिंसा का दौर शुरू हुआ था.
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