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असम कार्बी यूथ फेस्टिवल की गोल्डन जुबली, जानिए क्या है ख़ास

असम का कार्बी यूथ फेस्टिवल (Karbi youth festival of assam) का इस साल गोल्डन जुबली (golden jubilee) है. यह त्योहार 13 जनवरी यानि आज से एक हफ्ते तक चलेगा. इस त्योहार को राज्य के कार्बी आंगलोंग ज़िले के पीपुल्स हॉल में आयोजित किया जा रहा है.

आमतौर पर इस त्योहार का आयोजन दान में मिले हुए पैसों से किया जाता था लेकिन इस साल इसके गोल्डन जुबली के अवसर पर केएएसी (कार्बी आंगलोंग ऑटोनॉमस कॉउंसिल) द्वारा आयोजन के लिए पैसे दिए जा रहे है.

वहीं ये भी कहा जा रहा है की केएएसी (kAAC) ऐसा पहला संगठन है, जिसने असम के कार्बी त्योहार में पैसे देने फैसला किया है.

कार्बी कल्चरल सोसाइटी (Karbi culture society) के क्रो ने बताया की हॉर्नबिल महोत्सव, जो 2000 से नागालैंड में आयोजित किया जा रहा है, ये त्योहार विश्व प्रसिद्ध है. क्योकि यह राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित किया जाता है. जबकि कार्बी(karbi festival) दान से मिले पैसों की मदद से आयोजित होता है.

उन्होंने आगे बताया की केएएसी का बजट सीमित है, फिर हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. हमने ये देखा है कि असम सरकार ने कुछ पहल शुरू की है लेकिन ऐसा लंबे समय के बाद हुआ है.

उन्होंने कहा, “आजकल युवा पश्चिमी संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं और अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन हमारी संस्कृति, परंपराएं, गीत और नृत्य विलुप्त हो जाएंगे. हमें लगता है कि जागरूकता पैदा करनी होगी.”

युवा को अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित करने के लिए कार्बी कल्चरल सोसाइटी द्वारा कार्यशाला आयोजित की गई थी.
वहीं सोसाइटी के आधिकारियों का दावा है की इस कार्यशाला के ज़रिए किसी तरह कुछ पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करने में वे कामयाब रहे और उन्हें बढ़ावा भी दिया गया.

रिचर्ड टोकबी, जो केएएसी के कार्यकारी सदस्य है उन्होंने बताया की कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के प्रतिनिधि महोत्सव में भाग ले सकते हैं.

ये भी पता चला है की राज्य सरकार ने 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला एक सभागार बनाने में मदद की है.
इस त्योहार के ज़रिए विभिन्न जातीय समुदायों – नागा, कुकी, दिमासा, तिवा, मिज़ो, ताई-अहोम के अलावा कार्बी का प्रतिनिधित्व किया गया है.

इस साल त्योहार में चार चरणों में 6,000 से अधिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी. इसके अलावा त्योहार में शामिल सभी लोग आदिवासी खान-पान का आनंद ले सकेंगे और पारंपरिक वस्तुएं खरीद सकेंगे और करीब 2,000 स्टॉल लगाए जा रहे हैं.

कार्बी त्योहार का इतिहास
इस उत्सव की शुरूआत रॉय एनघी के नेतृत्व में शिक्षित युवाओं के एक समूह ने की थी. इसका उद्देश्य कार्बियों की लुप्त होती संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करना था.

कार्बी कल्चरल सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्र सिंग क्रो ने कहा कि उत्सव का उद्देश्य कार्बी की संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और प्रचारित करना है

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