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सरकार ने आदिवासियों के गौरव के लिए अभूतपूर्व फैसले किए हैं- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

भारत में आज से संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में अपना पहला अभिभाषण दिया. राष्‍ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि मेरी सरकार ने देशहित को सर्वोपरि रखा है. नीति और फैसलों में इच्छाशक्ति दिखाई है. मेरी सत्ता राष्ट्र निर्माण के कर्तव्य को पूरा करने में लगी है.

इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए शुरू की गई विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि सरकार ने आदिवासी समुदायों के गौरव के साथ-साथ उनकी आकांक्षाओं को “जागृत” करने के लिए “अभूतपूर्व” निर्णय लिए हैं.

संसद की संयुक्त बैठक में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना के तहत आज जहां 36 हज़ार से अधिक आदिवासी बहुल गांवों का विकास किया जा रहा है. वहीं अनुसूचित जनजाति के बच्चों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए आदिवासी क्षेत्रों में 400 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल खोले गए हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि देश भर में 3 हज़ार से अधिक वन धन विकास केंद्र आजीविका के नए साधन बन गए हैं. उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने आदिवासी समुदायों के गौरव के लिए अभूतपूर्व फैसले लिए हैं. पहली बार देश ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजाति गौरव दिवस’ के रूप में मनाना शुरू किया.”

उन्होंने कहा कि हाल ही में सरकार ने मनगढ़ धाम में राष्ट्रीय स्तर पर “पहली बार” आदिवासी क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी.

राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा सहित सभी आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और योगदान को प्रदर्शित करने के लिए संग्रहालय बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “मेरी सरकार ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की आकांक्षाओं को जगाया है. मेरी सरकार ने सदियों से वंचित समाज के प्रत्येक ऐसे वर्ग की इच्छाओं को पूरा किया है. मेरी सरकार ने उनकी आकांक्षाओं को जगाया है.”

कोई भी काम, कोई भी प्रयास छोटा नहीं होता है और विकास में हर एक की अपनी भूमिका होती है. राष्ट्रपति ने कहा कि इसी भावना के साथ वंचित वर्गों और अविकसित क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया जा रहा है.

(President Droupadi Murmu File Photo)

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