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आदिवासियों को अयोध्या यात्रा करवाएगी गुजरात सरकार

गुजरात में पर्यटन और तीर्थ विकास मंत्री पूर्णेश मोदी ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि की तीर्थ यात्रा के लिए राज्य के आदिवासी समुदाय से प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है.

गुजरात के यह मंत्री डांग जिले में शबरी धाम नाम के मंदिर में दशहरा के अवसर पर एक सभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अब से हर साल एक राज्य स्तरीय ‘दशहरा महोत्सव’ मनाया जाएगा. 

पूर्णेश मोदी ने कहा कि आदिवासी तीर्थयात्रियों को श्री राम जन्मभूमि की तीर्थ यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति ₹ 5,000 की वित्तीय सहायता दी जाएगी. इस मौक़े पर उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात सरकार डांग जिले के सापुतारा और नर्मदा जिले के केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के बीच एक पर्यटन सर्किट विकसित करने के लिए काम कर रही है. 

उनके अनुसार यह योजना गुजरात के पूर्वी हिस्से के आदिवासी क्षेत्रों को जोड़ती है. गुजरात सरकार में पर्यटन और तीर्थ विकास मंत्रालय के अलावा पूर्णेश मोदी के पास सड़क और भवन मंत्रालय का प्रभार भी है.

उन्होंने कहा कि हर साल आदिवासी इलाक़ों में दशहरा महोत्सव से इन इलाक़ों की सांस्कृतिक विरासत को उजागर किया जा सकेगा. गुजरात में अगले साल विधान सभा चुनाव होंगे. गुजरात में बीजेपी लंबे समय से सत्ता में बनी हुई है.

लेकिन पिछले विधान सभा चुनाव यानि 2017 में पार्टी की सीटें कम हुई थीं. सितंबर महीने में बीजेपी ने मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित पूरे मंत्रिमंडल को बदल दिया था. बीजेपी का यह कदम सत्ता विरोधी माहौल को बदलने का कदम माना जा रहा है. 

जहां तक आदिवासी इलाक़ों में हर साल दशहरा मनाने और अयोध्या में राम मंदिर के दर्शन के लिए वित्तीय सहायता का सवाल है, यह कदम चुनावी तैयारी के साथ साथ वैचारिक भी है.

बीजेपी और आरएसएस से जुड़े संगठन लगातार आदिवासी इलाक़ों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए काम करते रहे हैं. इन संगठनों की कोशिश होती है कि आदिवासी इलाक़ों में हिंदूवादी राजनीति और पहचान को बढ़ावा मिल सके.

ज़ाहिर है जब आरएसएस और उनके संगठनों का प्रभाव आदिवासी इलाक़ों में बढ़ता है तो बीजेपी को इसका फ़ायदा भी मिलता है. हालाँकि अयोध्या यात्रा के मामले में गुजरात सरकार पर ही प्रलोभन का आरोप लगाना ग़लत होगा.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार भी कुछ इस तरह की घोषणा कर चुकी है. उधर छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी इलाक़ों और जंगलों में भूपेश बघेल राम वन गमन पथ खोज रहे हैं.

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