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गुजरात: आदिवासी किसानों को रियायती दर पर मिलेंगे बीज और खाद

इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर नज़र के साथ गुजरात सरकार ने ‘कृषि वैविद्यकरण योजना 2022-23’ के तहत 1.23 लाख आदिवासी किसानों को रियायती दर पर बीज और खाद उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.

यह योजना पिछले एक दशक से लागू है और इसका मकसद आदिवासी परिवारों की आय को दोगुना करना है.

इस साल फ़ायदा मिलने वाले 1.23 लाख आदिवासी किसानों की संख्या पिछले सात सालों में फ़ायदा मिलने वालों की संख्या की तुलना में सबसे ज़्यादा है.

मंगलवार को सरकार ने खाद और बीज वाले किट बांटना शुरू किया है. अधिकारियों ने कहा कि एक किट की लागत लगभग 3,240 रुपये है, लेकिन लाभार्थियों से एक किट के लिए 250 रुपये लिए जाते हैं.

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ऐसे 14 जिलों, जिनमें आदिवासी आबादी ज़्यादा है, के अधिकारियों और लाभार्थियों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की.

“यह सुनिश्चित करने के लिए कि खेती से आदिवासियों की आय में बढ़ोत्तरी हो और यह देखने के लिए कि विविधीकरण हो, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना की शुरुआत की थी. अंबाजी (उत्तर में) से उमरगांव (दक्षिण में) को इस साल इस योजना का लाभ मिलेगा,” पटेल ने कहा.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले साल से इस योजना के तहत जैविक खाद भी दी जा रही है. इस योजना के तहत पहले मक्का, बैंगन, टमाटर, भिंडी, करेला और लौकी के बीज दिए गए थे.

खाद में यूरिया, एनपीके और जैविक खाद शामिल हैं. इस बार योजना के तहत आवेदन स्वीकार करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया है. पिछले साल तक आवेदन हाथ से लिए जाते थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल उनकी सरकार का लक्ष्य 1.23 लाख आदिवासी किसानों को लाभ देना है. सोमवार शाम तक 76,000 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई थी, और उनके लिए किट बांटने का काम मंगलवार से शुरू हो गया.

राज्य के आदिवासी बहुल डांग ज़िले को 100 प्रतिशत “प्राकृतिक खेती” जिला घोषित किया गया है, इसलिए लाभार्थियों को सिर्फ़ जैविक खाद ही बांटी जाएगी.

किट वितरण के अलावा आदिवासी लाभार्थियों को ज़्यादा फसल उत्पादन के लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी. मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस में खेड़ब्रह्मा, व्यारा, वासदा, वलसाड़, अहवा, भिलोदा, नर्मदा, नेत्रंग, मांडवी, संतरामपुर और दंता के लाभार्थियों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया.

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