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गुजरात: सड़क न होने के कारण आदिवासी युवक की मौत


गुजरात के नवसारी जिले के वांसदा में सड़क न होने के कारण समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंची और इस वजह से एक आदिवासी युवक ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया.


वांसदा के आदिवासियों ने बताया की युवक काफी दिनों से बीमार था और अचानक उसकी हालत गंभीर हो गई. लेकिन गांव में पर्याप्त सुविधाओं का अभाव होने की वजह से इलाज में देरी हुई है.


घटना के बाद आदिवासी युवक के परिजनों ने बांस में कपड़ा बांध कर डोली बनाई और युवक के शव को अपने कंधे पर टांगकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान ले जाया गया.


वहीं गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘यह वीडियो युगांडा का नहीं है, प्रगतिशील गुजरात के वांसदा जिले का हैं.

सड़क पक्की ना होने की वजह से एम्बुलेंस को 1.5 किलोमीटर दूर खड़ा रहना पड़ा, जिसके कारण 30 वर्षीय युवा की मौत हो गई. अब कच्ची सड़क से मृतक को श्मशान गृह ले जाते हुए वीडियो सामने आया है.’

वीडियो सामने आने के बाद एक्स पर काफी लोग अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर सरकार पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.
गुजरात में आदिवासी आबादी
देश की अनुसूचित जनजाति आबादी का 8.1 प्रतिशत हिस्सा गुजरात में निवास करता है. गुजरात की आदिवासी आबादी, जिनकी संख्या 89.17 लाख है, राज्य की आबादी का 14.8 प्रतिशत है.


गुजरात में 11 प्रमुख जनजातियाँ हैं. इसमें सबसे बड़े भील, जो राज्य की जनजातीय आबादी का 47.89% हैं. 5 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों की संख्या लगभग 1,44,593 (जनगणना 2011 के अनुसार) है.


बावजूद इसके अफसोस की बात यह है की गुजरात में ऐसे कई आदिवासी गांव हैं जहां न कोई विकास और ना ही सड़क है. जिसके कारण आए दिन इस तरह के मामले देखने को मिलते हैं.


नवसारी ज़िले के वांसदा के आदिवासियों ने प्रशासन और सरकार से इसकी शिकायत तो की है लेकिन अब तक किसी की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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