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हिमाचल प्रदेश में हाटी समुदाय को जनजाति की सूचि में शामिल करने को कैबिनेट की मंज़ूरी

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सिरमौर ज़िले के गिरीपार इलाक़े (Trans Giri Area) में बसने वाले हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा (ST status for Hattee) दिए जाने का फ़ैसला किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने यह फ़ैसला किया है.

गिरीपार में हाटी समुदाय पिछले कई साल से इस माँग के समर्थन में आंदोलन कर रहा था. इस समुदाय का कहना था कि जिस आधार पर 1967 में उतराखंड के जौनसार इलाक़े के समुदायों को जनजाति का दर्जा दिया गया था उसी आधार पर हाटी समुदाय को भी यह दर्जा दिया जाना चाहिए था.

हाटी केन्द्रीय समिति ने ऐलान किया था कि अगर उन्हें जनजाति का दर्जा नहीं दिया जाता है तो फिर हाटी समुदाय विधान सभा चुनाव का बहिष्कार कर सकता है. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा देने का वादा किया था.

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंज़ूरी का पत्र

हाटी समुदाय के संगठन केंद्रीय हाटी समिति ने सरकार के इस फ़ैसले का स्वागत किया है. संगठन के अध्यक्ष डाक्टर अमीचंद कमल ने MBB से बात करते हुए इस फ़ैसले पर ख़ुशी ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह गिरीपार के लोगों के संघर्ष की जीत है.

उन्होंने कहा, ” इस सिलसिले में जब हमारी गृहमंत्री अमित शाह से बात हुई थी तो उन्होंने हमें आश्वासन दिया था कि हमारे समुदाय का जनजाति के तौर पर रजिस्ट्रेशन हो चुका है. लेकिन शायद सरकार कुछ और समुदायों के प्रस्तावों पर भी काम कर रही थी. इसलिए इस मंज़ूरी में थोड़ा समय लग गया.”

केन्द्रीय हाटी समिति के महासचिव कुन्दन सिंह शास्त्री ने इस फ़ैसले पर MBB से ख़ास बातचीत में कहा, “हमारी तीन पीढ़ियाँ इस संघर्ष में चली गईं. लेकिन यह बड़ी उपलब्धि है. आज हम अपने समुदाय के उन लोगों के आभारी हैं जिन्होंने इस आंदोलन को शुरू किया. इसके अलावा हमारे समुदाय के युवा जिन्होंने आगे बढ़ कर इस आंदोलन में हिस्सा लिया. हम हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी के और उनके साथी बलदेव तोमर, सुरेश कश्यप, विरेंद्र कश्यप और उन सभी लोगों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इस काम को संभव बनाया.”

केन्द्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की हाटी समुदाय के लोगों को जनजाति की सूचि में शामिल किये जाने से कम के कम 1.60 लाख लोगों को फ़ायदा होगा. उन्होंने कहा कि एक बार जनजाति की सूचि में शामिल होने के बाद वहाँ के छात्रों को स्कॉलशिप, हॉस्टल और अच्छी उच्च शिक्षा हासिल हो सकेगी.

केन्द्रीय कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश के हाटी समुदाय के अलावा छत्तीसगढ़ में बिरजिया समुदाय को भी जनजाति की सूचि में शामिल करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है. इसके अलावा तमिलनाडु के नरीकुरवर आदिवासी समुदाय को भी जनजाति की सूचि में शामिल करने का फ़ैसला लिया गया है.

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