Mainbhibharat

हिमाचल प्रदेश: मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों में किए विकास के बड़े दावे

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा की वर्तमान में राज्य सरकार जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की समस्याओं को हल करने को प्राथमिकता दे रही है.

उन्होंने कहा कि परिषद की बैठक में महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होते हैं जिससे आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए नीतियां और कार्यक्रम तैयार करने का मार्ग प्रशस्त होता है.


मुख्यमंत्री सुखविंदर ने हिमाचल प्रदेश के शिमला में हिमाचल प्रदेश जनजातीय सलाहकार परिषद की 48वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली पेयजल और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में विकास के धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि सरकार जनजातीय क्षेत्रों में चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर ऊर्जा के दोहन को बढ़ावा दे रही है और किन्नौर की हंगरंग घाटी में दो सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं.


सीएम ने कहा कि 250 किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट तक के सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है और वे इस योजना का लाभ उठायें.

उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के लिए आय का एक स्थिर स्रोत सुनिश्चित करने के लिए अगले 25 वर्षों तक इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली खरीदेगी.


सीएम सुक्खू ने आगे कहा लाहौल-स्पीति में पवन ऊर्जा के दोहन के लिए अब तक 84 मेगावाट क्षमता की पहचान की जा चुकी है. वहीं पवन ऊर्जा के दोहन के लिए मामला राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान के समक्ष उठाया गया है और संस्थान की एक टीम जल्द ही काजा का दौरा करेगी.


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी क्षेत्रों की महिलाओं को अधिक अधिकार देने पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले शैक्षणिक सत्र से लाहौल-स्पीति जिले में स्कूलों को सर्दियों में बंद करने पर विचार करेगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में सड़क बनाने के लिए सुरंग निर्माण पर जोर देने के निर्देश दिये गये हैं. उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभागों को अध्ययन करने का निर्देश दिया ताकि राज्य सरकार सरकारी संस्थानों को और मजबूत कर सके.


सीएम ने आगे कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है और करछम और किन्नौर में बनी कृत्रिम झील में वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी शुरू करने के लिए एक ट्रायल किया गया है और जल्द ही यहां वॉटर स्पोर्ट्स शुरू की जाएंगी ताकि स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार का अवसर मिले.


इसी तरह किन्नौर जिले में धार्मिक रूप से प्रशंसित टेम्सो झील में भी पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा और इसे राष्ट्रीय राजमार्ग-5 से जोड़ने पर विचार किया जाएगा.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में हेलीपोर्ट बनाने को भी प्राथमिकता दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के अधिकारियों को जनजातीय क्षेत्रों के लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए समयबद्ध तरीके से परियोजनाएं तैयार करने का निर्देश दिया और दोहराया कि इन क्षेत्रों के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है.


इस बीच, राजस्व एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनजातीय सलाहकार परिषद को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है और जनजातीय क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए इसकी बैठक में इन क्षेत्रों के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जाती है और उन्हें उठाया जाता है.


उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आदिवासी क्षेत्रों का दौरा किया है और उनकी समस्याओं और प्राथमिकताओं से भलीभांति परिचित हैं.


इससे पहले मुख्यमंत्री ने जनजातीय सलाहकार परिषद के सभी मनोनीत सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

Exit mobile version