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आदिवासी यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर पर बलात्कार का आरोप, गिरफ़्तारी की माँग

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक (IGNTU Amarkantak) एक बार फिर ग़लत वजहों से चर्चा में है. यहाँ के एक प्रोफ़ेसर पर एक शोध छात्रा के बलात्कार का आरोप लगा है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दबाव बनने के बाद राकेश सिंह नाम के इन प्रोफ़ेसर को सभी पदों से मुक्त कर दिया है.

इस पूरे मामले में मिली जानकारी के अनुसार राकेश सिंह के ख़िलाफ़ इस शोध छात्रा ने पुलिस में बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई है. अपनी शिकायत में इस छात्रा ने कहा है कि प्रोफ़ेसर राकेश सिंह ने लॉक डाउन के दौरान छात्रा को उनकी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ सेक्स करने को मजूबर किया.

इसके बाद प्रोफ़ेसर राकेश सिंह ने इस छात्रा को शादी करने का वादा भी किया. जबकि प्रोफ़ेसर और शोध छात्रा दोनों ही पहले से शादीशुदा थे. इस शोध छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया है कि राकेश सिंह उन्हें कई बार होटल में भी ले गया. यानि प्रोफ़ेसर शोध छात्रा को शादी का झाँसा दे कर लगातार उसका शारीरिक शोषण करता रहा.

इस शोध छात्रा का कहना है कि प्रोफ़ेसर के चक्कर में उनका अपने पति से भी तलाक़ हो चुका है. लेकिन प्रोफ़ेसर ने बाद में शादी से साफ़ इंकार कर दिया था. 

इस सिलसिले में अमरकंटक यूनिवर्सिटी के कई छात्रों से बातचीत में पता चला है कि प्रोफ़ेसर राकेश सिंह यहाँ के काफ़ी प्रभावशाली व्यक्ति हैं. वो यूनिवर्सिटी में लगातार अहम पदों पर रहे हैं.

इन छात्रों ने मैं भी भारत को बताया कि राकेश सिंह पर पहले भी यौन शोषण और धार्मिक भावनाएँ भड़काने के आरोप लगते रहे हैं. लेकिन उनके रसूख़ की वजह से उनके ख़िलाफ़ कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई.

सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के अनूपपुर जिलाध्यक्ष संजय सोनी के नेतृत्व में शहडोल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के नाम शहडोल एसपी को ज्ञापन सौंपा. 

संजय सोनी ने कहा कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक के प्रोफेसर राकेश सिंह के ऊपर अपने ही शोध छात्रा के साथ दुष्कर्म का मामला पीड़ित छात्रा ने शहडोल महिला थाने में दर्ज कराया है . उनकी गिरफ्तारी आज तक नहीं हुई है.

यूनिवर्सिटी के एक शोध छात्र मोहन मीणा ने हमें बताया कि प्रोफ़ेसर राकेश सिंह पहले भी एक आदिवासी लड़की को परेशान कर चुके हैं. इसके अलावा ये प्रोफ़ेसर लगातार यूनिवर्सिटी को बदनाम करने वाले काम करते रहे हैं.

उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में स्थानीय पुलिस प्रशासन के रवैया ठीक नहीं है. इसलिए उन्होंने इस मामले में सही जाँच और प्रोफ़ेसर की गिरफ़्तारी के लिए राष्ट्रपति और देश के मुख्य न्यायधीश के नाम पत्र लिखा है. 

अपना नाम ना छापे जाने की शर्त पर यूनिवर्सिटी के कुछ प्रोफ़ेसर और छात्र यह भी कहते हैं कि यह पूरा मामला प्रेम प्रसंग का है जो किसी मुक़ाम तक नहीं पहुँच पाया है. इन लोगों का कहना है कि राकेश सिंह और शोध छात्रा के बीच के झगड़े को राजनीतिक कारणों और आपसी प्रतिस्पर्धा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

इन लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह का विवाद यूनिवर्सिटी के लिए अच्छा नहीं है.

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