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छत्तीसगढ़ चुनाव: आदिवासी के आरक्षण पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा

छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बस कुछ ही दिन रह गए हैं. इसलिए दोनों ही दल बीजेपी और कांग्रेस जमकर एक दूसरे पर वार कर रहे हैं.

इसी बीच कांग्रेस के सांसद दीपक बैज ने शुक्रवार के दिन एक बयान में कहा की भाजपा ने आज तक आदिवासियों को केवल लंगोट में रखने का साजिश कर रहा था.

भाजपा कभी नहीं चाहती कि आदिवासी वर्ग आर्थिक और शैक्षणिक रूप से आत्मनिर्भर बने भाजपा आदिवासियों और उनकी संस्कृति का हमेशा से दमन करना चाहती है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा की भाजपा यदि आदिवासियों का हित चाहती तो अभी तक आदिवासी समाज का आरक्षण बिल 10 माह से ज्यादा समय से राजभवन में अटका हुआ नहीं होता.

वहीं कोर्ट ने आदिवासी समाज का आरक्षण 32 प्रतिशत से घटाकर 20 कर दिया था. इसके बाद कांग्रेस सरकार ने ही विधानसभा का विषेश सत्र बुलाकर आदिवासी समाज का आरक्षण फिर से 32 प्रतिशत करवाया था और ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत, एससी का 13 प्रतिशत तथा ईडब्ल्यूएस का 4 प्रतिशत आरक्षण किया.

उन्होंने यह भी कहा की आरक्षण में संशोधन विधेयक की साजिश और षड़यंत्र के कारण पिछले 10 महीने से राजभवन में रोका गया है.

दीपक बैज ने कहा की पूर्व के रमन सरकार के 15 साल के दौरान सबसे ज्यादा पीड़ित, प्रताड़ित और शोषित आदिवासी वर्ग के लोग ही हुए हैं.

आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन पर कब्जा करने के लिए उनके कानूनी अधिकारों का हनन करने का काम भाजपा सरकार आज तक करते आ रही है.

आदिवासी वर्ग के शिक्षा, स्वाथ्य, रोजगार और उनके मूलभूत जरुरतों को पूरा करने के लिए किसी प्रकार से काम नहीं किया गया था.

भाजपा सरकार ने आदिवासियों को गाय देने का वादा किया था और हर आदिवासी परिवार को सरकारी नौकरी का वादा किया था. लेकिन बीजेपी सरकार ने अब तक कोई भी वादे पूरे नहीं किये हैं.

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार के दौरान बस्तर के 600 से ज्यादा गांव उजाड़ दिये गये थे और तीन लाख से अधिक आदिवासियों को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया था.

रमन सरकार ने 1379 फर्जी मामला दर्ज कर हजारों आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल के सलाखों के पीछे ढकेल दिया.

दीपक बैज ने कहा की कांग्रेस की सरकार आदिवासी वर्ग के लोगों को हर क्षेत्र में अच्छी विकास के लिए रोजगार मूलक योजनाएं बनाई है.

रमन सरकार के समय बस्तर के हजारों स्कूलों को बंद किया था. वहीं कांग्रेस की भूपेश सरकार ने बस्तर क्षेत्र के आदिवासियों के शिक्षा के लिए 354 से अधिक बंद स्कूलों को खुलवाने का काम किया है.

नक्सलवाद को खत्म करने के लिए विश्वास, विकास और सुरक्षा के लिए काम किया गया है और उन्होनें कहा जिसके चलते नक्सली घटनाओं में 80 प्रतिशत की कमी आई है.

छत्तीसगढ़ में चुनाव होने को है और दोनों ही दल सत्ताधर बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप ही रह रही है.  

दुख की बात यह है की छत्तीसगढ़ जैसी नक्सलवाद इलाकों में नक्सली हमला हमेशा होते ही रहता है. लेकिन एक तरफ कांग्रेस दावा कर रही है की उनकी सरकार में नक्सली हमला कम होने लगा है.

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