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झारखंड में पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी, 7200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का किया अनावरण

यह कहते हुए कि वह झारखंड के खूंटी में आदिवासी प्रतीक बिरसा मुंडा की भूमि पर वंचितों को “अपना कर्ज चुकाने” के लिए आए हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दो योजनाएं शुरू कीं. एक कल्याणकारी योजनाओं की अंतिम मील तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए और दूसरी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए..

उन्होंने कोयला, पेट्रोलियम, रेलवे, सड़क, शिक्षा आदि से संबंधित लगभग 7,200 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का अनावरण किया.

खूंटी के उलिहातू गांव में बिरसा मुंडा के वंशजों और आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित एक संग्रहालय का दौरा करने के बाद पीएम मोदी ने खूंटी के बिरसा मुंडा कॉलेज मैदान में एक सभा को संबोधित किया और दर्शकों से भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेने का आग्रह किया.

उन्होंने कहा, “हम 2047 तक भारत को ‘आत्मनिर्भर’ और एक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को पूरा करने का संकल्प लेते हैं; गुलामी की मानसिकता को त्यागना है; देश की समृद्ध विरासत पर गर्व महसूस करना; देश की एकता को मजबूत करना और देश की रक्षा करने वाले लोगों का सम्मान करना और इस देश के नागरिक होने का कर्तव्य पूरा करना.”

शुरू की गई दो योजनाओं में विकसित भारत संकल्प यात्रा शामिल है जहां सरकारी अधिकारी गांवों में जाएंगे और अपनी कल्याणकारी योजनाओं की अंतिम मील तक पहुंच सुनिश्चित करेंगे और पीवीटीजी को सशक्त बनाने के लिए पीएम जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान शामिल है.

पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के पिछले दो कार्यकाल में 13 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए.

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे आने से पहले बहुत से लोग बुनियादी ज़रूरतों से वंचित थे। लोगों ने उम्मीद छोड़ दी थी कि उनका जीवन बदल जाएगा और सरकार ने सोचा कि वे ‘मां बाप’ हैं, लेकिन हमने ‘सेवक की भावना’ (सेवा मानसिकता) के साथ काम किया… जो लोग वंचित थे, हमने उन्हें महत्व दिया. सरकार उन लोगों के पास गई जो दूर थे. नौकरशाही और लोग तथा फाइलें, कानून और नियम वही थे लेकिन सोच बदल गई. इसलिए परिणाम बदल गए.”

पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने वंचितों को अपनी प्राथमिकता बनाया है क्योंकि एक बार उन्होंने उनके साथ खाना खाया था और उनके और उनके परिवारों के साथ रहे थे.

उन्होंने कहा कि आज बिरसा मुंडा की धरती पर मैं उस कर्ज को चुकाने आया हूं.

पीएम ने कहा, “जैसे पिछड़ों में सबसे पिछड़े हैं. वैसे ही आदिवासी समुदाय में पीवीटीजी भी पिछड़े हैं. उन्हें (पीवीटीजी को) पक्के घर नहीं मिले, उनके बच्चों के लिए कोई स्कूली शिक्षा नहीं मिली… लेकिन अब हम उन तक पहुंच रहे हैं. पहले की सरकारें केवल डेटा में इजाफा करती थीं लेकिन मैं उनके जीवन में इजाफा कर रहा हूं.”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि काम पूरा हो. उन्होंने कहा, ”मोदी की गारंटी का मतलब है कि गारंटी पूरी होगी.”

उन्होंने कहा कि 2018 में उन्होंने ग्राम स्वराज योजना शुरू की थी और 1,000 अधिकारियों को “अपने वातानुकूलित कार्यालयों से” विभिन्न गांवों में भेजा था. उन्होंने कहा कि विकसित भारत संकल्प यात्रा भी इसी पैटर्न पर चलेगी.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत के ‘अमृत काल’ में एक नई ऊर्जा की जरूरत है और इसके लिए उन्होंने भीड़ को एक ‘अमृत मंत्र’ बताया. अगर विकसित भारत का निर्माण करना है तो चार ‘अमृत’ स्तंभों को मजबूत करना होगा.

उन्होंने कहा कि वो चार स्तंभ हैं – महिला शक्ति, युवा शक्ति, कृषि शक्ति और हमारे गरीबों और मध्यम वर्ग की शक्ति. हम उन्हें जितना मजबूत करेंगे, विकसित भारत का निर्माण उतना ही ऊंचा होगा.

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में हमने इतना काम किया है जो पहले कभी नहीं हुआ.

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार कुछ घंटों में थमने जा रहा है. ऐसे में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू पहुंच महज झारखंड ही नहीं बल्कि इससे चुनावी राज्यों में आदिवासी वोटबैंक साधने की कोशिश की है.

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