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कर्नाटक: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार चामराजनगर के आदिवासियों को मिला आधार

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के लॉन्च के चौदह साल बाद पिछड़े चामराजनगर ज़िले के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले आदिवासियों को अपना आधार मिल गया है.

यहां के आदिवासियों का लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है. हाल ही में ज़िला प्रशासन ने सभी आदिवासियों को आधार कार्ड जारी करने के लिए ख़ास योजना चलाई है.

कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार की गारंटी योजनाओं का लाभ उठाने या मुफ्त पीडीएस या स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य हो गया है.

यहां 158 आदिवासी बस्तियां हैं जिनमें करीब 32 हज़ार लोग रहते हैं.

30 अगस्त 2023 से शुरू हुए इस अभियान में 61 आदिवासी हादियों को शामिल किया गया है और 2,874 आधार कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें 520 नए कार्ड के अलावा 2,454 अपडेटेड कार्ड शामिल हैं.

प्रशासन का दावा है कि डेटाबेस बनाने के लिए डेटा संकलित किया गया है ताकि अस्पताल पहुंचने वाला कोई भी व्यक्ति लाभ प्राप्त करने के लिए अपना आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र और राशन कार्ड प्रस्तुत कर सके.

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि यहां कि बस्तियों में 1,500 से अधिक आदिवासी को अभी तक आधार कार्ड नहीं मिला था. क्योंकि वे ज़िला केंद्र नहीं जा सकते हैं और कई के पास अनुसूचित जनजाति जाति प्रमाण पत्र नहीं है.

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जनजातीय अधिकारी मनुजुला (Tribal officer Manujula) ने बताया है कि वे सभी 8,200 परिवारों का एक डेटाबेस बना रहे हैं और उनके पास वे विवरण होंगे जो उन्हें सरकारी लाभ प्राप्त करने में मदद करने के लिए किसी भी समय उपलब्ध होंगे.

उन्होंने कहा कि चामराजनगर और येलंदूर में 37 आदिवासी बस्तियों को कवर किया जाएगा, जब उन्हें तीन और हेल्थ नेविगेटर मिलेंगे.

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