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MP Assembly Election 2023: पुष्पराजगढ़ सीट पर वकीलों के बीच मुकाबला

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इसी महीने 17 नवंबर को होने वाला है. इसी बीच आदिवासी उम्मीदवार के लिए आरक्षित अनूपपुर की पुष्पराजगढ़ सीट के मतदाताओं को वकीलों के बीच मुकाबला देखने को मिलने वाला है.

पुष्पराजगढ़ निवार्चन क्षेत्र के ज्यादातर आदिवासी उम्मीदवारों के पास कानून की डिग्री है. हालांकि, मुकाबला सत्ताधारी भाजपा और कांग्रेस के बीच होने वाला है. फिर भी कई सारे उम्मीवार इस बार के विधानसभा चुनाव मे अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

आठ विधानसभा क्षेत्रों वाला शहडोल आदिवासी बहुल ज़िला है. आठ निवार्चन क्षेत्रों में से सात आदिवासी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. केवल एक ही सीट कोतमा है, जो सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए है.

अधिकांश प्रत्याशी उच्च शिक्षित है. यही वजह है की पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र चर्चा में बना हुआ है. यहां से भाजपा प्रत्याशी हीरा सिंह श्याम हैं, कांग्रेस से फुंदेलाल सिंह मार्को, भारतीय शक्ति सेना से अमित पड़वार और निर्दलीय प्रत्याशी नर्मदा सिंह हैं. ये सभी उम्मीदवार एलएलबी से उत्तीर्ण हैं.

मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच

पुष्पराजगढ़ में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. 2018 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार फुंदेलाल सिंह मार्को ने जीत हासिल की थी. पार्टी ने इस सीट से एक बार फिर मार्को को मैदान में उतारा है. इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार हीरा सिंह श्याम मार्को चुनावी क्षेत्र के मुख्य प्रतिनिधित्व हैं.

पुष्पराजगढ़ का कैसा रहा है राजनीतिक इतिहास
पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट के राजनीतिक इतिहास की बात करें तो यह सीट अमूमन कांग्रेस के कब्जे में ही रही है. पिछले 10 सालों से कांग्रेस यहां पर जीतती रही है. 1990 के बाद से यहां के राजनीतिक परिणाम को देखें तो बीजेपी को महज दो बार ही जीत (2003 और 2008 में) मिली है.

2008 में बीजेपी के सुदामा सिंह को जीत मिली थी और उन्होंने फुंदेलाल सिंह को हराया था. 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के फुंदेलाल सिंह मार्को को जीत मिली थी और फिर 2018 में भी वह इस सीट जीत हासिल की थी. कांग्रेस के पास इस बार इस सीट से चुनावी जीत की उम्मीद है.

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