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ITLF ने मणिपुर में हुए अपराधों और हत्याओं की लिस्ट के साथ मदद की अपील की

मणिपुर में दो महिलाओं के को निर्वस्त्र घुमाने के वीडियो वायरल होने के बाद हफ्ते पूरी दुनिया को पता चल गया है कि मणिपुर में मैतेई और कुकी लोगों के बीच का हिंसक संघर्ष किस भयावह दौर में जा पहुंचा है.

राज्य में जारी हिंसा को लेकर अब एक के बाद एक चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं.

इस बीच अब चुराचांदपुर जिले की मान्यता प्राप्त जनजातियों के समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (Indigenous Tribal Leaders’ Forum) ने मौजूदा अशांति के दौरान कुकी-ज़ो महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 14 कथित मामलों की एक सूची जारी की है.

16 पन्नों के दस्तावेज़ में उन अत्याचारों की सूची है जो कथित तौर पर 3 मई से 6 जुलाई के बीच हुए थे जब मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा शुरू हुई थी. दोनों समुदायों को अशांति का सामना करना पड़ा है, जिसमें कम से कम 152 लोगों की जान चली गई और 60 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं.

आईटीएलएफ के प्रवक्ता गिन्ज़ा वुएलज़ोंग ने बताया कि अत्याचारों का दस्तावेजीकरण किया गया है और उन लोगों के लिए सार्वजनिक किया गया है जो पीड़ितों का समर्थन करना चाहते हैं, जिसमें उनके मामले लड़ना या उनके कष्टों के बारे में लिखना शामिल है ताकि उन्हें न्याय मिल सके.

आईटीएलएफ के प्रवक्ता ने कहा कि पीड़ितों की मदद करने के इच्छुक लोग 8826532299 नंबर पर कॉल कर सकते हैं या itlfmedia cell@gmail.com पर संदेश भेज सकते हैं.

वुएलज़ोंग ने कहा, “बुधवार को दो कुकी-ज़ो महिलाओं का वीडियो वायरल होने के बाद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के बारे में बहुत सारे सवाल थे. हमने सोचा कि अगर हम ऐसा कोई दस्तावेज़ जारी करेंगे तो यह सभी के लिए सुविधाजनक होगा.”

आईटीएलएफ द्वारा प्रलेखित अपराधों के 14 कथित उदाहरणों का विवरण ये है… संदिग्ध यौन हिंसा के पीड़ितों की पहचान आईटीएलएफ द्वारा कानून के अनुसार गुप्त रखी गई है. कुछ घटनाओं की रिपोर्ट पहले ही की जा चुकी थी.

चुराचांदपुर से ग्राउंड रिपोर्ट

एक्स-ब्यूरोक्रेट के घर पर हमला

3 मई की रात को इंफाल के न्यू लाम्बुलाने में मणिपुर सरकार के रिटायर्ड सीनियर हेल्थ सुपरवाइजर, 62 वर्षीय थांगी हमार के आवास में तोड़फोड़ की गई. उन पर और उनके बेटे पर कट्टरपंथी संगठनों अरामबाई तेंगगोल और मैतेई लीपुन के लगभग 100 सदस्यों द्वारा हमला किया गया था. इस दौरान चार पड़ोसी घरों के बाईस लोग उसके घर में शरण लिए हुए थे.

ITLF के दस्तावेज में कहा गया है, “श्रीमती थांगी हमार पर हमला तब तक बदस्तूर जारी रहा जब तक कि स्थानीय महिलाओं के एक समूह ने हस्तक्षेप नहीं किया, जिससे वे बाल-बाल बच गईं. उनके घर को लूट लिया गया और फिर उनके दो कुत्तों सहित जला दिया गया.”

बहादुर माँ

4 मई को राज्य सरकार में अंडरसेक्रेटरी 57 वर्षीय गौज़ावुंग और उनके हाल ही में विवाहित 27 वर्षीय बेटे गौलालसांग और परिवार के अन्य सदस्य इंफाल में अपने सरकारी क्वार्टर से लगभग 2 किलोमीटर दूर सीआरपीएफ राहत शिविर की ओर जा रहे थे लेकिन भीड़ ने उन्हें रोक लिया.

जैसे ही भीड़ ने उसके बेटे पर हमला किया, गौज़ावुंग भीड़ की ओर दौड़ी और खुद को हमलावरों और अपने पीटते हुए बेटे के बीच में खड़ा कर लिया. आईटीएलएफ का कहना है कि मां और बेटे दोनों की मौके पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. गौज़ावुंग की बहू को कई चोटें आईं.

परिजनों की हत्या

जब चिंगथियानियांग और उनका परिवार 4 मई की सुबह शरण लेने के लिए एक शिविर की ओर जा रहे थे तो इंफाल में 200-250 व्यक्तियों के एक समूह ने उनके वाहन को घेर लिया और लकड़ी के डंडों और लोहे की सलाखों से तोड़फोड़ की.

भीड़ ने चिंगथियानियांग के पति और सास को पीटा फिर उसे बाहर निकाला और उस पर भी हमला किया. उसके सिर पर लकड़ी के डंडे से कई वार किए गए. जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक अस्पताल के आईसीयू में पाया, उसकी खोपड़ी में फ्रैक्चर, मस्तिष्क में खून के थक्के और उंगलियों में फ्रैक्चर के कारण क्रैनियोटॉमी और अन्य सर्जरी हुई थीं. डिस्चार्ज होने के बाद उन्हें अपने पति और सास की मृत्यु की सूचना दी गई.

नर्सिंग छात्र

एग्नेस नेइखोहट और एक अन्य कुकी-ज़ो महिला नाइटिंगेल नर्सिंग इंस्टीट्यूट, पोरोम्पैट, इंफाल में नर्सिंग की छात्रा थीं. 4 मई की शाम को एक भीड़ उनके छात्रावास में घुस गई, उनके आधार कार्ड की जांच की और उन्हें बाहर सड़कों पर खींच लिया. उनके चेहरे पर मुक्का मारा गया. एग्नेस के सामने के तीन दाँत टूट गए. भीड़ ने उसे लात घूसों और लकड़ी के मोटे डंडों से पीटा.

दो लोगों ने एग्नेस के सिर पर वार किया, जिससे वह धीरे-धीरे बेहोश हो गई. इसके बाद एग्नेस को एक अस्पताल में छोड़ दिया गया. छुट्टी के बाद उसे सेना के एस्कॉर्ट के साथ लमका भेज दिया गया.

कार वॉश एट्रोसिटी

इंफाल में कार धोने का काम करने वाली दो कुकी-ज़ो महिलाओं के परिवारों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, एक भीड़ जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं. उन्होंने दोनों महिलाओं का मुंह बंद कर दिया और 4 मई को शाम 5 बजे से शाम 7 बजे तक उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया.

आईटीएलएफ का कहना है कि एक स्थानीय महिला ने कथित तौर पर इस कृत्य में मदद की और लमका में मैतेई महिलाओं के साथ बलात्कार और हत्या के झूठे दावों के प्रतिशोध के रूप में भीड़ को पीड़ितों पर हमला करने के लिए उकसाया गया. शाम 7 बजे के बाद जब कमरा खोला गया तो महिलाएं मृत पड़ी थीं.

रिकॉर्ड की गई बर्बरता

आईटीएलएफ ने कहा कि 4 मई को दो कुकी-ज़ो महिलाओं को मैतेई भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाया गया और उनके साथ छेड़छाड़ की गई. भीड़ ने सबसे पहले उनके गांव में आग लगाई थी. पुलिस ने ग्रामीणों के एक छोटे समूह को बचाया लेकिन रोके जाने पर इन ग्रामीणों को भीड़ को सौंप दिया.

भीड़ ने दो महिलाओं के कपड़े उतरवाने से पहले समूह के दो पुरुषों को पीट-पीटकर मार डाला. पुरुषों और महिलाओं से बनी भीड़ ने पीड़ित महिलाओं का मजाक उड़ाते हुए उन्हें थप्पड़ मारा और उन्हें नग्न होकर चलने के लिए मजबूर किया. आईटीएलएफ ने सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है.

जिन दो लोगों की हत्या की गई वे 19 साल के एक पीड़ित के पिता और छोटा भाई थे.

फर्जी दावा

4 मई को इंफाल के उरीपोक में एक मां और उसकी दो बेटियों की हत्या कर दी गई थी. इस तरह के हमले लमका में मैतेई महिलाओं के साथ बलात्कार की मनगढ़ंत रिपोर्टों के कारण शुरू हुए थे. जो तस्वीरें प्रसारित की जा रही थीं, वे दिल्ली की एक युवा लड़की की थीं, जिसे उसके माता-पिता ने मार डाला था.

नर्स की हत्या

आईटीएलएफ के मुताबिक, चुराचांदपुर जिला अस्पताल में 2021 से नर्स नियांघोइचिंग सिम्ते की 5 मई की रात को न्यू लमका में वीनस होटल के सामने अरामबाई तेंगगोल, प्रतिबंधित मैतेई विद्रोहियों और मणिपुर पुलिस कमांडो के एक समूह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जो सेना के काफिले के साथ जा रहे थे.

दरअसल, निआंघोइचिंग और अन्य निहत्थे युवक टिडिम रोड पर सुरक्षाकर्मियों को समझाने का प्रयास कर रहे थे. वे सवाल कर रहे थे कि लमका से मैतेई को क्यों निकाला जा रहा है जबकि इंफाल में फंसे कुकी-ज़ो लोगों को यही विकल्प नहीं दिया गया.

आईटीएलएफ ने कहा कि अराजकता के बीच इन युवाओं पर “मैतेई आतंकवादियों और सुरक्षा कर्मियों द्वारा गोलीबारी की गई”. फोरम ने कहा कि नियांघोइचिंग के साथ दो अन्य युवाओं की जान चली गई, जबकि 10 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

क्रूरता

आईटीएलएफ ने कहा कि 45 वर्षीय विधवा और दो बच्चों की मां थियानदम वैफेई 6 मई को कांगपोकपी जिले के फेइताइचिंग गांव में हिंसा के एक भयानक कृत्य का शिकार हो गईं. उनके सिर, हाथ और पैर काट दिए गए और उनके शरीर को अरामबाई तेंगगोल, मैतेई लीपुन और प्रतिबंधित मैतेई विद्रोहियों ने उनके घर के साथ आग लगा दी.

अपहरण किया

15 मई को इंफाल के चेकऑन में एक एटीएम के सामने दो बोलेरो में यात्रा कर रहे एक समूह ने एक 18 वर्षीय लड़की का अपहरण कर लिया. वह इंफाल से भागने के लिए पैसे निकालने की कोशिश कर रही थी. उसके अपहरणकर्ता उसे वांगखेई अयांग पल्ली रोड के किनारे एक मैतेई बस्ती में ले आए. वहां महिलाओं और पुरुषों ने उसे शाम तक प्रताड़ित किया.

आईटीएलएफ ने कहा कि पुलिस या सेना के आने के डर से भीड़ ने अरामबाई तेंगगोल से संपर्क किया और उसे सौंप दिया. बंधक बनाने वालों ने उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी, उसके हाथ बांध दिए और उसे गोली मारने के लिए अपनी बंदूकें तैयार कर लीं. लेकिन फिर उन्हें एहसास हुआ कि उस स्थान पर बंदूक की गोली से अधिकारी सतर्क हो सकते हैं.

उन्होंने उसे बिष्णुपुर की पहाड़ियों पर ले जाने का फैसला किया. उस पर रायफल की बट से हमला किया गया और वो बेहोश हो गई. जब उसे होश आया तो उसने उसे मारने की उनकी योजना के बारे में सुना.

लेकिन वो पेशाब करने का बहाना करके संयोगवश मिले एक मुस्लिम ऑटोरिक्शा चालक की मदद से भागने में सफल रही. आईटीएलएफ ने कहा कि जब बाद में कोहिमा के एक अस्पताल में उसकी जांच की गई तो उसकी मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट और बलात्कार की पुष्टि हुई.

एम्बुलेंस में हत्याएं

आईटीएलएफ ने कहा कि 45 वर्षीय मीना हैंगशिंग, उनके बेटे 7 वर्षीय तोंसिंग हैंगशिंग और 37 वर्षीय लिडिया लोरेम्बम को 4 जून को एम्बुलेंस के अंदर जिंदा जला दिया गया था. ये लोग गंभीर रूप से घायल तोंसिंग को अस्पताल ले जा रहे थे. जब ये परिवार 22 एआर बी कॉय शिविर में शरण ले रहा था तो अरामबोई तेंगगोल स्नाइपर ने तोसिंग के सिर में गोली मार दी थी.

इंफाल पश्चिम के पुलिस अधीक्षक ने तोसिंग को अस्पताल पहुंचाने के लिए एक एम्बुलेंस भेजी थी. आईटीएलएफ ने कहा कि इम्फाल के इरोइसेम्बा इलाके में जहां असम राइफल्स ने एस्कॉर्ट देना बंद कर दिया था, वहां से महज 10 किलोमाटर दूर मीरा पैबी के नेतृत्व में भीड़ ने पुलिस के काफिले पर हमला कर दिया.

यह अफवाह फैलाई गई थी कि कुकी उग्रवादियों को निकाला जा रहा है. इस तथ्य को नजरअंदाज करते हुए कि गंभीर रूप से घायल एक बच्चा और दो मैतेई महिलाएं एम्बुलेंस के अंदर थीं, भीड़ ने वाहन को आग लगा दी.

गांव पर हमला

इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की वर्दी में मैतेई पुरुषों का एक समूह ने 10 जून को सुबह लगभग 4 बजे कांगपोकपी और इम्फाल पश्चिम के बीच स्थित खोकेन कुकी-ज़ो गांव पर हमला कर दिया. उन्होंने 65 वर्षीय महिला डिमखोहोई और दो पुरुषों- 52 वर्षीय खैजामांग गुइटे  और 40 वर्षीय जांगपाओ टौथांग की हत्या कर दी.

मरीज की मौत

आईटीएलएफ ने कहा कि 6 जुलाई को इंफाल पश्चिम के क्वाकेथिल मायाइकोइबी में शिशु निष्ठा निकेतन स्कूल के बाहर मैतेई उग्रवादियों ने कुकी-ज़ो महिला डोनगाइचिंग की गोली मारकर हत्या कर दी. डोनगाइचिंग को सिज़ोफ्रेनिया की बिमारी थी और वो लंबे समय तक सड़कों पर भटकती रहती थी. पड़ोसियों ने उन्हें इंफाल एयरपोर्ट से सटे पाइते वेंग के पास देखा था.

ऐसा माना जाता है कि मैतेई आतंकवादी उसे जबरन एक ऑटोरिक्शा में ले गए फिर उसे गोली मार दी और दिन के उजाले में उसके शरीर को फेंक दिया. आईटीएलएफ ने कहा कि कुछ दिनों बाद सामने आए एक वीडियो क्लिप से पता चलता है कि उसके शरीर को घंटों तक सड़क के किनारे लावारिस छोड़ दिया गया था.

शादी नहीं बन सकी ढ़ाल

इंफाल के लांगजिंग की रहने वाली श्रीमती विक्टिम 3 की शादी मैतेई पुरुष से हुई थी. 5 मई को जब उनके पति घर पर नहीं थे तो उन्हें अरामबाई तेंगगोल द्वारा उनके घर से जबरदस्ती अपहरण कर लिया गया था. आईटीएलएफ ने कहा, “इसके बाद वे उसे पास के धान के खेत में ले गए जहां उसे अकल्पनीय पीड़ा सहनी पड़ी क्योंकि वह बलात्कार और आखिरकार हत्या का शिकार हो गई.”

मणिपुर के हालात बेहद संगीन हैं. राज्य में इंटरनेट बंद होने की वजह से देश को मणिपुर के बारे में ज़्यादा कुछ पता ही नहीं चल पाया है. लेकिन जैसे जैसे कहानियां खुल रही हैं, यह साफ़ हो रहा है कि भारत का यह राज्य एक बेहद नाज़ुक हालातों में है.

लेकिन सरकार की तरफ़ से अभी तक राज्य में शांति कायम करने का कोई रोडमैप पेश नहीं किया गया है.

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