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झारखंड: 105 शिक्षक में से आदिवासी भाषाओं के 18 शिक्षक ही नियुक्त हुए

झारखंड (Tribes of Jharkhand) के पूर्वी सिहंभूम ज़िले (East Singhbhum) में 105 शिक्षक (Jharkhand teacher jobs) की नियुक्ति की गई है.

अफ़सोस की बात यह है कि इस आदिवासी बहुल ज़िला होने के बावजूद भी आदिवासी भाषा (Tribal language) के 18 शिक्षक ही नियुक्त किए गए हैं.

इस बारे में मिली जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों में जनजाति और क्षेत्रीय भाषा के 105 शिक्षक की नियुक्ति हुई है.

इनमें से संताली भाषा के 11, मुंडारी भाषा के 1 और भूमिज भाषा के 6 शिक्षकों की नियुक्ति हुई हैं.

इसके अलावा बांग्ला भाषा के 81 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है.

यह ज़िला आदिवासी बहुल क्षेत्र है. 2011 की जनगणना के मुताबिक पूर्वी सिहंभूम ज़िले की आबादी 22.9 लाख हैं, जो राज्य का चौथा सबसे ज्यादा आबादी वाला ज़िला भी है.

इसके अलावा इस ज़िले की लगभग 29 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी है.

इसके बावजूद भी 105 में से आदिवासी भाषाओं के 18 शिक्षक ही नियुक्त किए गए है.

यह फैसला सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आदिवासी बच्चों के लिए कठनाई पैदा कर सकता है.

क्योंकि ज्यादातर आदिवासी विद्यार्थी सभी अपनी मातृ भाषा में ही बेहतर समझ पाते हैं.

इसके अलावा मार्च के महीने में झारखंड सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ाई शुरू करने के लिए 33 हज़ार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की थी.

इस भर्ती का उद्यश्य यह बताया गया था कि सरकारी स्कूलों में ओड़िया और बंगाली भाषा के अलावा संथाली, कुडुख, खड़िया, खोरठा जैसे अन्य क्षेत्रीय भाषा को शुरू करना हैं.

इसके अलावा हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और आदिवासी बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दिया.

लेकिन सिंहभूम में 105 में से आदिवासी भाषाओं के 18 शिक्षक की नियुक्ति से चंपाई सोरेन की सरकार की बातों और कार्य में अंतर दिखता है.

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