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झारखंड: आदिवासी घरेलू सहायिका को प्रताड़ित करने की आरोपी और बीजेपी से निष्कासित सीमा पात्रा गिरफ्तार

झारखंड (Jharkhand) के पूर्व आईएएस अधिकारी की पत्नी और बीजेपी से निष्कासित नेता सीमा पात्रा (Seema Patra)  को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने एक विकलांग आदिवासी लड़की को अपने घर में बंधक बनाकर रखा था और आठ सालों से लगातार अत्याचार कर रही थीं.

अरगोड़ा पुलिस की टीम ने रांची छोड़कर फरार होने की कोशिश कर रही सीमा पात्रा को  4 बजे सुबह गिरफ्तार कर लिया है. मामला दर्ज करने के बाद से पुलिस सीमा पात्रा की तलाश में जुटी हुई थी.

सीमा पात्रा गिरफ्तारी के डर से फरार हो गई थी. पिछले 2 दिनों से रांची पुलिस सीमा पात्रा को जगह-जगह तलाश कर रही थी. कई बार उसके संबंधित ठिकानों पर पुलिस ने रेड भी किया था. इससे पहले मंगलवार को मामला सामने आने के बाद बीजेपी ने सीमा पात्रा को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

इस पूरे मामले से जुड़ा एक बेहद दर्दनाक वीडियो सामने आया है, जिसमें गुमला की रहने वाली आदिवासी महिला सुनीता अस्पताल की बिस्तर पर लेटी हुई हैं और अपने ऊपर हुए भयावह जुल्म को बयां कर रही हैं. उनके शरीर पर दर्जनों जख्म हैं.

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि उनके कई दांत टूटे हुए हैं और वो बैठने की भी स्थिति में नहीं हैं. आसपास के लोग उन्हें आश्वासन दे रहे हैं कि वो जल्द ठीक हो जाएंगी. लेकिन वह रो-रोकर अपने दर्द बयां कर रही हैं. उन्होंने कहा कि उनसे जीभ से फर्श की सफाई कराई गई, पेशाब चटाया गया और रॉड से उनके दांत तोड़े गए थे.

सुनिता ने बताया कि सीमा पात्रा ने कभी गरम तवे से जलाया, तो कभी रॉड से दांत तक तोड़ दिए और भूखे प्यासे कमरे में बंधक बनाए रखा. उसने बताया कि उसे भरपेट खाना तक नहीं दिया गया. ज़ुल्म की इंतहा यहीं ख़त्म नहीं हुई सीमा पात्रा ने इस युवती को पेशाब भी चटाया उन्होंने बताया कि उसने सालों से सूरज की रोशनी नहीं देखी है. और ये एक दो महीने की कहानी नहीं है. जुल्म का ये सिलसिला पिछले 8 साल से जारी था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुनीता की मदद सीमा के बेटे आयुष्मान ने ही की. आयुष्मान ने सचिवालय में काम कर रहे अपने दोस्त विवेक बस्के को इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी मां घरेलू सहायिका सुनीता को बर्बर यातनाएं देती हैं और हरसंभव तरीके से प्रताड़ित करती हैं.

विवेक ने आजतक से बताया कि इस बारे में उन्होंने रांची डीसी को सूचना दी थी. इसके बाद पुलिस ने मामले को कन्फर्म किया और सीमा पात्रा के अशोक नगर स्थित आवास से सुनीता को रेस्क्यू किया.

वहीं दूसरी तरफ सीमा पात्रा ने दावा किया है कि उन्होंने सुनीता के साथ ऐसा कुछ नहीं किया और उनका बेटा आयुष्मान मानसिक तौर पर बीमार है. उन्होंने कहा कि उनके बेटे ने झूठे आरोप लगाए हैं.

सुनीता का बयान मंगलवार को रांची सिविल कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया. मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के एक दल का नेतृत्व कर रहे हटिया के डीएसपी राजा मित्रा ने पीड़िता को व्हीलचेयर पर बिठाकर सुनिता का बयान दर्ज कराया.

इस संबंध में बीजेपी नेता के खिलाफ अरगोड़ा थाने में 22 अगस्त को आईपीसी की धारा 323, 325, 346 और 374 और एससी एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (ए) (बी) (एच) के तहत मामला दर्ज किया गया था.

झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया था. उन्होंने मंगलवार को डीजीपी नीरज सिन्हा से पूछा था कि अब तक सीमा पात्रा पर घरेलू सहायिका के टॉर्चर के मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हुई.

सीमा पात्रा बीजेपी की महिला विंग की राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य थीं. इसके साथ-साथ वो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की राज्य संयोजक भी थीं. सीमा पात्रा के पति पूर्व आईएएस अधिकारी हैं बावजूद इसके उनके घर में ये प्रताड़ना सालों से जारी थी.

(Image Credit: Facebook)

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