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हेमंत सोरेन सब कुछ बदल डालेंगे क्या ?

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के आदिवासी समुदायों की पहचान, ज़मीन, पुनर्वास और आदिवासियों के ख़िलाफ़ अत्याचार के मामलों पर ध्यान दिया है.

सोमवार को उनकी अध्यक्षता में झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में झारखंड जनजातीय सलाहकार परिषद (TAC) की दूसरी बैठक हुई. मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ़ से बताया गया है कि बैठक में कई मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया.

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जनजातीय समुदाय के लोगों को अधिक से अधिक जाति प्रमाण पत्र मिलें, इसके लिए सरकार काम कर रही है.

इस बैठक में सहमति बनी है कि जनजातीय समुदाय के लोगों को जीवन काल में एक ही बार जाति प्रमाण पत्र लेने की ज़रूरत होनी चाहिए. अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनाने में हो रही दिक्कतों को देखते हुए जीवन में एक बार जाति प्रमाण पत्र की व्यवस्था पर सहमति बनी है. 

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि टीएसी जनजातीय वर्गों के सभी महत्वपूर्ण विषय जैसे आर्थिक, सामाजिक शैक्षणिक एवं समुदाय से जुड़े अन्य विकास के मुद्दों पर चर्चा ज़रूरी है. इस बैठक में विधायक स्टीफन मरांडी की अध्यक्षता में एक उप समिति का गठन किया गया।.

इस उप समिति में विधायक दीपक विरूवा, बंधु तिर्की, भूषण तिर्की एवं चमरा लिंडा सदस्य होंगे. यह उप समिति अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को कृषि ऋण, गृह ऋण तथा शिक्षा ऋण सहित अन्य ऋण बैंकों उपलब्ध कराने के उपाय सुझाएगी. 

इसके अलावा यह उपसमिति राज्य में आदिवासियों की ज़मीन के पूर्व एवं वर्तमान भूमि अधिग्रहण का गहन अध्ययन कर टीएसी को रिपोर्ट सौपेंगी. इस संबंध में उप समिति टीएसी को सलाह भी देगी. 

बैठक में सरना धर्म कोड लागू किए जाने के संबंध में भी चर्चा की गई. यह निर्णय लिया गया कि टीएससी जल्द ही सरना कोड दिए जाने के पहलुओं पर एक प्रस्ताव तैयार कर  राज्यपाल के माध्यम से इसे राष्ट्रपति को भेजेगी.

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में टीएससी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेगा.

सोमवार की बैठक में झारखंड से अवैध मानव व्यापार पर रोक लगाने के लिए गृह, कारा विभाग को कठोर कानून बनाने तथा निरंतर मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया. टीएसी के सभी सदस्यों ने मानव व्यापार को लेकर चिंता जाहिर की तथा दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई किए जाने पर बल दिया.

बैठक में बताया गया कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के संबंध में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.

इस समिति के माध्यम से सभी प्रकार के अत्याचार एवं शोषण से संबंधित मामलों की समीक्षा कर कार्रवाई हेतु अनुशंसा की जाती है.

बैठक में बताया गया कि आदिवासी संस्कृति और ज्ञान को सहेजने और विकसित करने  के लिए राज्य में एक ट्राईबल यूनिवर्सिटी जमशेदपुर में स्थापित की जा रही है.इस सिलसिले में जल्द ही एक्ट बनाकर यूनिवर्सिटी का संचालन किया जाएगा.

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