Site icon Mainbhibharat

हेमंत सोरेन को PMLA कोर्ट से बड़ा झटका, खारिज की जमानत याचिका

रांची में धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की एक विशेष अदालत ने कथित भूमि हड़पने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी.

हेमंत सोरेन को 31 जनवरी, 2024 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. वह 1 फरवरी से रांची के बिरसा मुंडा कारागार में हैं.

सोरेन को कोर्ट से यह झटका ऐसे वक्त में लगा है जब सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर ईडी से 17 मई तक जवाब मांगा है.

सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका खारिज करने के झारखंड हाई कोर्ट के तीन मई के आदेश को चुनौती दी थी. उन्होंने गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर अदालत का फैसला आने तक लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत भी मांगी थी.

जेल में बंद पूर्व सीएम सोरेन ने अधिवक्ता के माध्यम से 15 अप्रैल को जमानत याचिका दाखिल की थी.

केजरीवाल को जमानत के बाद SC पहुंचे सोरेन के वकील

हेमंत सोरेन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने के आधार पर ही अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई है.

सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि इस याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए. अगर चुनाव खत्म होने के बाद सुनवाई होगी तो याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

कपिल सिब्बल ने इस दौरान उनके लिए अंतरिम बेल मांगी और कहा कि केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया आदेश हेमंत सोरेन को भी कवर करता है.

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ईडी को हेमंत सोरेन की याचिका पर नोटिस जारी किया. अब सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच (जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता) इस मामले को 17 मई को सुनवाई करेंगे.

जस्टिस खन्ना ने पूछा कि क्या उस विवादित जमीन पर सोरेन का कब्जा है? इस पर कपिल सिब्बल ने कहा कि उनका कब्जा तो कभी नहीं रहा है.

कपिल सिब्बल ने कहा कि ऐसा कोई कंटेंट यानी मेटेरियल भी नहीं है. बस कब्जेदार किसी से कहलवा लेते हैं कि ये मंत्री जी की जमीन है. मुंहजबानी तो सब बोल देते हैं. मुझे उस जमीन के बारे में कुछ नहीं पता है.

कपित सिब्बल ने अंतरिम जमानत पर रिहाई की मांग की, तो जस्टिस संजीव खन्ना ने पूछा कि चुनाव 28 तारीख को हैं, 20 मई को सुनवाई हो सकती है. सिब्बल ने कहा कि फिर इसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हालांकि सोरेन ने मांग की है कि जब तक उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चले, इस बीच चुनाव प्रचार के लिए उन्हे अंतरिम जमानत भी दी जाए.

Exit mobile version