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हेमंत सोरेन वापस लेंगे मुख्यमंत्री की कुर्सी!

हेमंत सोरेन (Hemant Soren) जिन्हें कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा गिरफ्तारी के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री के पद से हटना पड़ा था. उनके द्वारा एक बार फिर सीएम की कुर्सी संभालने की संभावना है.

खबरों के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन ने हेमंत सोरेन को अपना नेता चुन लिया है, जिसके बाद वे फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, झामुमो के सूत्रों ने कहा कि हेमंत की सीएम के रूप में वापसी पर पार्टी के सहयोगी दलों – कांग्रेस और राजद ने सहमति जताई है.

सूत्रों ने यह भी कहा कि झारखंड के शीर्ष पद पर हेमंत की वापसी का रास्ता साफ करने के लिए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जल्द ही पद छोड़ देंगे.

हेमंत की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएम चंपई सोरेन के घर पर हुई बैठक में गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को जेएमएम विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया.

बैठक में हेमंत सोरेन के भाई बसंत और पत्नी कल्पना के अलावा कांग्रेस के झारखंड प्रभारी गुलाम अहमद मीर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी शामिल हुए, जहां यह फैसला लिया गया.

हेमंत सोरेन ने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.

सोरेन को करीब पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा किया गया. झारखंड हाई कोर्ट द्वारा शाम करीब 4 बजे जमानत दिए जाने के बाद सोरेन बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से बाहर आए. जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय ने हेमंत को खुली अदालत में जमानत बांड प्रस्तुत करने पर रिहा करने का आदेश सुनाया.

जमानत के एक दिन बाद हेमंत सोरेन ने साहिबगंज में एक सार्वजनिक रैली की और दावा किया कि उनकी रिहाई के बाद भाजपा घबरा गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के शीर्ष नेता फिर से उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं.

इस बीच, गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने झामुमो के इस कदम पर कटाक्ष करते हुए इसे “परिवार-केंद्रित पार्टी” बताया है.

निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “झारखंड में चंपई सोरेन का दौर खत्म हो चुका है. परिवार-केंद्रित पार्टी में परिवार से बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है. मेरी इच्छा है कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हों.”

वहीं अगर हेमंत सोरेन शपथ लेते हैं तो वह झारखंड राज्य के 13वें मुख्यमंत्री होंगे.

हालांकि, खबर ये भी है कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट कह रही हैं कि चंपाई सोरेन, हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद वापस लेने के फैसले से खुश नहीं हैं.

सूत्रों ने बताया कि जेएमएम विधायक दल की बैठक में चंपई सोरेन ने कहा कि वो अपमानित महसूस कर रहे हैं. हालांकि, पार्टी ने आगे बढ़कर हेमंत सोरेन को अपना विधायक दल का नेता नामित किया.

ऐसा माना जा रहा है कि चंपई सोरेन को JMM का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

चंपई सोरेन आज शाम राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं, जिससे हेमंत सोरेन के पदभार संभालने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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