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झारखंड: दुमका में फिर पेड़ से लटकता मिला आदिवासी नाबालिग का शव, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

झारखंड के दुमका ज़िले में दो नाबालिग लड़कियों के साथ हुई वारदात का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और दर्दनाक घटना सामने आई है. अब ज़िले में एक आदिवासी नाबालिग लड़के का शव पेड़ से लटका मिला है. यह मामला दुमका के नगर थाना क्षेत्र के न्यू बांध पाड़ा का है.

परिजनों ने हत्या की आशंका जतायी है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि फोरेंसिक जांच के बाद ही इस बात की पुष्टि की जाएगी कि यह एक हत्या है या नहीं.

वहीं दुमका के एएसआई अनिरुद्ध मिश्रा ने कहा कि उन्हें पेड़ से एक लड़के की बॉडी के लटकने की जानकारी मिली थी. इसके बाद फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई और जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि फोरेंसिक टीम की रिपोर्ट के आधार पर ही लड़के की मौत के कारणों का पता चल सकेगा। उधर, स्थानीय लोग इसे हत्या बता रहे हैं.

परिजनों के मुताबिक मृतक नाबालिग दसवीं कक्षा में पढ़ता था. वह सुबह नाश्ता करके घर से निकला था. लेकिन जब काफी देर तक वह नहीं लौटा तो घरवालों ने उसे ढूंढना शुरू किया. इसी क्रम में परिजन उस जगह पहुंचे जहां वह अक्सर दोस्तों के साथ बैठाता था. परिजन जब उस जगह पहुंचे तो एक पेड़ से छात्र को लटकता देख सभी सन्न रह गए.

सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और छात्र के शव को पेड़ से उतार कर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.

परिजनों ने नाबालिग छात्र की हत्या किए जाने की आशंका जतायी है. परिजनों ने कहा कि मृत छात्र के दोनों पैर पूरी तरह से जमीन से सटे हुए हैं, जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि किसी ने उसकी हत्या कर दी है. बाद में आत्महत्या का रूप देने के लिए उसे फंदे से लटका दिया है.

उपमंडल पुलिस अधिकारी (SDPO) नूर मुस्तफा अंसारी ने बताया कि दसवीं कक्षा का छात्र अपनी दादी और भाई-बहनों के साथ गांव में किराए के मकान में रहता था. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि छात्र की मौत आत्महत्या से हुई या हत्या की गई है.

पिछले हफ्ते ज़िले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में 14 वर्षीय आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म कर और फिर हत्या कर उसे पेड़ से लटका दिया गया था.

इससे पहले पिछले महीने एक नाबालिग को जिंदा जलाने की दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी. इस घटना के दो आरोपी इस वक्त पुलिस की गिरफ्त में हैं. राज्य में इस तरह की घटनाओं पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोचने ने बयान दिया था कि इस तरह की घटनाएँ सामान्य हैं.

उनके इस बयान के लिए उनकी काफ़ी आलोचना भी हुई थी. इसके अलावा दो आदिवासी लड़कियों के साथ बलात्कार के बाद हत्या के विरोध में सोमवार को दुमका ज़िला में बंद का आयोजन भी किया गया था.

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