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जादू-टोने का आरोप लगाकर आदिवासी महिला को किया प्रताड़ित, पूरा परिवार गांव छोड़ने को मजबूर

असम: डायन के शक में महिला को जिंदा जलाया; छह गिरफ्तार.

माओवादियों के गढ़ खूंटी में जादू टोना से जुड़ी एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है.   एक आदिवासी महिला, जगदा नाग को अपने परिवार के साथ गांव छोड़ने और खूंटी में शरण लेने के लिए मजबूर किया गया है क्योंकि ग्रामीणों द्वारा उसपर जादू टोना करने का आरोप लगाया गया था.

गांव छोड़ने से पहले महिला और उसके परिवार को प्रताड़ित किया गया, और उसपर ग्रामीणों ने 1.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. ग्रामीणों ने जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी.

जुर्माने का भुगतान करने में असमर्थ महिला के पास गांव छोड़ने और अपने पति और बच्चों के साथ खूंटी में किराए के मकान में शरण लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इतना ही नहीं ग्रामीण उन्हें अपनी ज़मीन पर खेती करने की भी अनुमति नहीं दे रहे हैं.

एफ़आईआर के मुताबिक यह सब तब शुरू हुआ जब गांव में एक लड़की की बीमारी से मौत हो गई. जब उसके परिवार के सदस्य एक भगत मंगरा मुंडा के पास पहुंचे तो उन्होंने उन्हें बताया कि जगदा नाग के काले जादू की वजह से लड़की की मौत हुई है.

जगदा नाग ने कहा, “मुझे कम से कम एक महीने से प्रताड़ित किया जा रहा था, और गांव में किसी भी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा था. बगल के गांव के भगत, मंगरा मुंडा ने मुझे एक जादूगरनी करार दिया. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने फुटबॉल मैच हारने के लिए भी मुझे जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया. कोई दुर्घटना होने या किसी की शादी नहीं होने पर भी मुझे ही जिम्मेदार ठहराया जाता था.”

नाग ने कहा कि इस मामले को सुलझाने के लिए ग्राम सभा के कई दौर आयोजित किए गए लेकिन सब बेकार गया क्योंकि हर बार उन्हें डायन करार दिया गया.

इस बीच भगत ने भूत को भगाने के लिए परिवार के हर एक सदस्य के सिर, होंठ, छाती और पैरों से खून के नमूने भी लिए. भगत का कहना है कि भूत जगदा नाग द्वारा पाले जा रहे थे.

नाग पर एक बकरी और भैंस देने के लिए दबाव डाला जा रहा था जो गांव के देवता को अर्पित करके उन्हें प्रसन्न करने के लिए था.

नाग ने कहा, “बाद में 8 सितंबर को ग्राम सभा ने ग्रामीणों को कथित तौर पर मेरे काले जादू से हुए नुकसान के लिए 1.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और धमकी दी कि अगर मैं इसे देने में विफल रहती हूं, तो मेरे पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा.”

उन्होंने कहा कि भगत मंगरा मुंडा के कहने पर एक फरमान भी जारी किया गया कि न हमें खाना दिया जाएगा और न ही घर में कोई लाइट जलाई जाएगी.

नाग ने बताया, “10 सितंबर की रात एफ़आईआर में नामज़द छह लोग मेरे घर यह देखने आए कि खाना बन रहा है या नहीं. जब उन्होंने हमें खाना पकाते और लाइट जलाते देखा तो उन्होंने मुझे और पूरे परिवार को बुरी तरह पीटा और कहा कि अगर हमने हमेशा के लिए जगह नहीं छोड़ी तो पूरे परिवार को मार डालेंगे. चूंकि पूरे परिवार की जान को ख़तरा था इसलिए हम खूंटी में किराए के मकान में रह रहे हैं.

14 सितंबर को नाग द्वारा छह आरोपियों के खिलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के बाद पुलिस ने उनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन परिवार अभी भी गांव वापस नहीं जाना चाहता है क्योंकि आरोपियों को ज़मानत दे दी गई है. नाग का यह भी आरोप है कि पुलिस द्वारा जांच के लिए गांव का दौरा करने के बाद उनके घर में फिर से तोड़फोड़ की गई.

मारगंधा पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी कामेश्वर कुमार ने कहा, “छह लोगों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की गई है, जिनमें से चार को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन वे जमानत पर बाहर हैं और उन्हें अदालत की निगरानी में रखा गया है.”

हाल ही में झारखंड के पाकुड़ जिले के महेशपुर थाना क्षेत्र के घाटचोरा गांव में ग्रामीणों द्वारा कथित जादू टोना करने के आरोप में गांव की दो महिलाओं को घंटों बिजली के खंभे से बांधकर बंधक बनाए रखने का मामला सामने आया था.

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