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केरल में आदिवासियों को COVID से बचाने के लिए विशेष अभियान, 18 साल से ज़्यादा के सभी आदिवासियों को पहले लगेगा वैक्सीन

केरल के एर्णाकुलम ज़िले में 18 वर्ष से ज़्यादा उम्र के सभी आदिवासी लोगों को अगले हफ़्ते कोविड वैक्सीन लगाया जाएगा.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग और ज़िला प्रशासन ने आदिवासी विकास अधिकारी जी अनिलकुमार की मॉनसून शुरु होने से पहले ज़िले के आदिवासी लोगों को कोविड वैक्सीन की कम से कम एक ख़ुराक देने के अनुरोध को मंज़ूरी दे दी है.

कुट्टमपुझा पंचायत अध्यक्ष कांति, आदिवासी कल्याण, वन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन वर्चुअल बैठक कर टीकाकरण का पूरा कार्यक्रम तय करेंगे.

2011 की जनगणना के हिसाब से ज़िले में 660 परिवारों के 16,559 आदिवासी हैं. इन आदिवासियों की 12 कॉलोनियां हैं, जिनमें से 10 कुट्टमपुझा रेंज में हैं.

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक बैठक में भी आदिवासी कॉलोनियों में कोविड निवारक उपायों को तेज़ करने का निर्णय लिया गया था.

आदिवासी लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, और यहां तैनात स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें जल्द से जल्द टीका लगाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया था.

चिकित्सा अधिकारी अनूप तुलसी के मुताबिक़ अधिकारियों ने वैक्सीन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है, और उम्मीद की जा रही है कि मॉनसून शुरु होने से पहले सभी आदिवासियों को वैक्सीन लग जाएगी.

केरल में आदिवासी जनता को जल्द से जल्द वैक्सीन देने पर ज़ोर दिया जा रहा है. इसी हफ़्ते वायनाड में भी इस मसले पर एक बैठक हुई थी.

वायनाड ज़िला कलेक्टर अदीला अब्दुल्ला की अध्यक्षता में स्वास्थ्य और जनजातीय विकास विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में टीकाकरण अभियान को तेज़ करने के लिए एक कार्य योजना तैयार की.

इस यजना के तहत ज़िले के तीन आदिवासी विकासखंडों में छह दिवसीय अभियान चलाया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीकाकरण इकाइयां (Mobile vaccination units) ज़िले के हर वॉर्ड में आदिवासी बस्तियों का दौरा करेंगी, और सभी आदिवासियों को वैक्सीन लगाएंगी.

हालांकि अभियान वैक्सीन का ज़रूरी स्टॉक मिलने के बाद ही शुरू होगा. उससे पहले आरोग्य केरलम परियोजना के अधिकारी आदिवासी समुदायों के बीच वैक्सीन को लेकर एक जागरुकता अभियान करेंगे.

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