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नागालैंड हत्याकांड: कोन्याक आदिवासी समाज का सेना के साथ ‘असहयोग’ का फैसला

नागालैंड के मोन जिले में रहने वाले कोन्याक नागा आदिवासियों के शीर्ष संगठन कोन्याक यूनियन (केयू) ने सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ अपने “असहयोग” को जारी रखने के लिए नए नियमों की घोषणा की. यह कदम ओटिंग गांव में पिछले शनिवार को 14 नागरिकों की मौत से जुड़ा है.

7 दिसंबर को, केयू ने 27 असम राइफल्स की सभी इकाइयों को मोन जिला खाली करने के लिए कहा था. अब सोमवार के बयान में कई “असहयोग नियमों” को सूचीबद्ध किया गया है. इन नियमों में न्याय नहीं होने तक “भारतीय सैन्य बल के काफिले और गश्त पर पूर्ण प्रतिबंध”, मोन ज़िले में कोई “सैन्य भर्ती रैलियां” नहीं, और सेना से किसी भी तरह का विकास पैकेज न लेना शामिल है.

बयान में कहा गया है कि जिन ग्राम परिषदों / छात्रों / समाजों को मुआवजा पैकेज मिला है, उन्हें उस पैकेज की तत्काल निंदा करनी चाहिए.

इसके अलावा निर्देश है कि नगीनिमोरा, टिज़िट, लैम्पोंग शेनघाह, वाकचिंग टाउन, मोन टाउन, लोंगशेन टाउन, शेनघा वामसा,लोंगवा, चेनमोहो, चेनलोइशु, वांगती, अबोई, आंगजंगयांग, टोबू और मोन्याक्षु के अंदर सभी सैन्य बेस कैंप (ऑपरेटिंग पॉइंट) स्थापित करने के लिए किए गए पिछले भूमि समझौतों को जमीन के मालिकों द्वारा नदारद किया जाना चाहिए.

केयू, कोन्याक न्युपुह शेको खोंग (केएनएसके) ने संयुक्त रूप से यह बयान जारी किया है. केएनएसके konyak महिलाओं का सर्वोच्च संगठन है. साथ ही कोन्याक छात्र संघ ने कहा है कि कोन्याक समुदाय सुरक्षा बलों के साथ सभी प्रकार के जनसंपर्क को काट देगा.

इस बीच, निकाय ने 16 दिसंबर को अपने जन आंदोलन के पहले चरण को शुरू करने का फैसला किया है. इसके तहत पूरे जिले में एक जनसभा आयोजित की जाएगी. आक्रोश जताने के लिए हर गाड़ी पर काले झंडे फहराए जाएंगे, और लोग काले बैज लगाएंगे.
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